Kota Hostel Association Expressed Protest: कोचिंग नगरी कोटा में कोचिंग को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति है, जहां हॉस्टल संचालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसा ही एक ऐसा विषय है जो हॉस्टल संचालकों के लिए गले की फांस बन गया है.



यह ऐसा नियम है जो केवल कोटा में लागू होता है और कहीं नहीं, पूरे राजस्थान से अलग नियम कोटा में देखा जा रहा है. नगर निगम से फायर एनओसी लेने के पहले यूडी टैक्स जमा होना जरूरी कर दिया गया है. इसका विरोध कोटा शहर में 
तेज हो गया है.

फायर एनओसी के लिए यूडी टैक्स की पाबंदी पर आपत्ति 
हॉस्टल एसोसिएशन ने फायर एनओसी के लिए यूडी टैक्स की पाबंदी परआपत्ति दर्ज कराई है. इसी के चलते लंबे समय से हॉस्टल्स के लिए फायर एनओसी जारी नहीं हो रही है. इसी मामले को लेकर कोटा हॉस्टल एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष नवीन मित्तल के नेतृत्व में नगर निगम कोटा दक्षिण और उत्तर में पहुंचा. जहां पर कोटा उत्तर नगर निगम कमिश्नर अनुराग भार्गव और दक्षिण के एडिशनल कमिश्नर जवाहरलाल के समक्ष के समक्ष फायर एनओसी के लिए यूडी टैक्स की पाबंदी पर आपत्ति दर्ज कराई. 

हॉस्टल यूडी टैक्स के मामले में किस में दायरे में आता है, यह भी स्पष्ट नहीं 
इस मामले में नवीन मित्तल का कहना है कि जयपुर, जोधपुर समेत कई जगह पर फायर एनओसी के लिए यूडी टैक्स की रसीद जरूरी नहीं है. वहीं अभी तक हॉस्टल यूडी टैक्स के मामले में किस में दायरे में आता है, यह भी स्पष्ट नहीं है. पहले की सरकारों ने इस आवासीय माना था. इसके बाद किसी तरह का कोई आदेश या स्पष्टीकरण नहीं है. केवल मनमाने तरीके से ही नगर निगम कोटा उत्तर और दक्षिण हॉस्टल संचालकों को परेशान करने के लिए इंस्टीट्यूशनल मानते हुए लाखों रुपए यूनिट टैक्स बकाया के नोटिस जारी कर रहे हैं.

यूडी टैक्स की गणना भी नोटिस में साल 2007 से की जा रही है. नवीन मित्तल का कहना है कि सैकड़ो की संख्या में हॉस्टल संचालक फायर एनओसी लेना चाहते हैं, लेकिन वह नहीं ले पा रहे हैं.


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