Karanpur Vidhan Sabha Result 2024: श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट पर हुए मतदान का आज यानी सोमवार को नतीजा आएगा. एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी की नई नवेली सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए भी लिटमस टेस्ट से कम नहीं है. आम आदमी पार्टी के लिए भी विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद राज्य में संभावना तलाशने के लिए बड़ा दिन है. यहां मुकाबला इन्हीं तीनों दल के बीच त्रिकोणीय बना हुआ है. करणपुर के रण में कुल 12 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. पांच जनवरी को करणपुर विधानसभा सीट पर मतदान हुआ था और कुल 81.38 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. अब उनके परिणाम का दिन है.

  


कुछ ऐसी है तैयारी 


मतगणना में EVM के लिए 14 टेबल लगाए गए हैं. पोस्टल बैलेट के लिए 2 और ETPBMS के लिए एक टेबल निर्धारित की गई है. सुरक्षा घेरे का पहला स्तर मतगणना परिसर के चारों ओर 100 मीटर की परिधि से शुरू होगा. जिसे पैदल यात्री क्षेत्र के रूप में सीमांकित किया जाएगा. इस परिधि के भीतर किसी भी वाहन को आने की अनुमति नहीं होगी. इस क्षेत्र की बैरीकेडिंग की जाएगी. इसके बाद सबसे भीतरी घेरा मतगणना हॉल के दरवाजे पर होगा. इसका संचालन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल द्वारा किया जाएगा. इस स्तर पर कड़ी तलाशी की व्यवस्था होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी व्यक्ति मोबाइल फोन और अन्य निर्दिष्ट वस्तुएं मतगणना हॉल के अंदर न ले जा सके. सख्त तैयारी की गई है. क्योंकि, इस परिणाम पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. 


कैसा है यहां का समीकरण  


करणपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 249 मतदान केंद्र हैं. छह दिसंबर तक यहां 2 लाख 40 हजार 826 मतदाता थे. इस विधानसभा में पांच जनवरी को मतदान हुआ और आज मतगणना होगी. यहां पर वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में नोटा को 8500 मत मिले थे. कांग्रेस के गुरमीत सिंह कुन्नर को 73,896 मत मिले थे. बीजेपी के सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को 44,099 मत मिले और निर्दलीय पृथ्वीपाल सिंह को 45,520 मत मिले थे. वहीं महेंद्र कुमार निदर्लीय थे उन्हें 15,782 मत मिले थे. ऐसे में यहां पर सबने अपनी ताकत झोंक दी है.


क्यों हुई मतदान में देरी


राजस्थान में 25 नवंबर को 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था, जिनके नतीजे 3 दिसंबर को आ गए. करणपुर विधानसभा सीट इकलौती थी, जिसपर वोटिंग नहीं हो सकी थी. दरअसल करणपुर से विधायक और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन होने के चलते करणपुर में चुनाव स्थगित कर दिए गए थे. राज्य की बाकी बची 199 सीटों में से 115 पर जीत दर्ज करते हुए बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार भी बना ली है. कुन्नर के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने उनके बेटे रूपेंद्र कुन्नर को करणपुर से उम्मीदवार बनाया है.


बिना चुनाव लड़े टीटी बने मंत्री


मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी ने राजस्थान में जो मंत्रिपरिषद बनाया है, उसमें सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को भी जगह दी गई है. सुरेंद्र पाल सिंह करणपुर विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार भी हैं. चुनावी नतीजों के पहले ही उन्हें मंत्री बनाए जाने से नाराज कांग्रेस पार्टी लगातार इसका विरोध करती रही. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने करणपुर चुनाव में लाभ पाने के इरादे से ऐसा किया है. वहीं टीटी का कहना है कि वो पहली भी मंत्री रह चुके हैं तो इसबार भी मंत्री बनाया जाना कोई नई बात नहीं है. 


लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने की इस समाज की तारीफ, कहा- 'आजादी के आंदोलन से स्वाधीनता के बाद...'