Rajasthan News: कोटा (Kota) में कामयाब कोटा अभियान के तहत जिला प्रशासन ने कोचिंग स्टूडेंट्स को टेंशन से बाहर लाने, उनके मनोरंजन, उनकी समस्याओं का समाधान और उन्हें एक खुशनुमा माहौल देने के लिए कई प्रयास किए हैं. इन्हीं प्रयासों के तहत कोटा जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कोचिंग ऐरिया लैंडमार्क सिटी कुन्हाड़ी में स्थित एक हॉस्टल में विद्यार्थियों के साथ डिनर करते हुए संवाद किया.


कलेक्टर उनकी समस्याओं को जाना. उनकी बात सुनी. उनके प्रश्नों के उत्तर दिए. साथ ही उनके साथ हंसी मजाक करके उनकी टेंशन कम करने का प्रयास किया. जिला कलेक्टर कोटा ने स्टूडेंट्स को भागवत गीता की सीख के माध्य्म से संयमित रहने का तरीका भी समझाया. डिनर करते हुए एक छात्र ने कलेक्टर से कहा कि उसे पढ़ाई के बाद भी आत्मविश्वास न आ पाना और स्वयं की तैयारी पर हमेशा शंका रहती है. इस पर कलेक्टर ने जवाब में कहा कि तैयारियों पर शंका होना सामान्य है. इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है.


परीक्षा में सिली मिस्टेक्स करना सामान्य-कोटा कलेक्टर
कोटा जिला कलेक्टर ने कहा कि, आप भावी डॉक्टर्स है. स्वयं की कमियों को पहचानें और मोबाइल से दूर रहें. पढ़ाई को याद रखने के प्रश्न पर कलेक्टर ने जवाब दिया कि लिख-लिख कर पढ़ाई करें. पढ़ाई को डायग्राम बना कर याद रखने की विभिन्न ट्रिक्स के माध्यम से स्मार्ट स्ट्रेटेजी बनाकर याद करें. एग्जाम में होने वाली सिली मिस्टेक्स से कैसे बचें. छात्रों के इस प्रश्न के जवाब में कलेक्टर ने कहा कि, परीक्षा में सिली मिस्टेक्स करना सामान्य है, जो सब करते हैं, लेकिन कुछ लोग ज्यादा करते हैं, तो कुछ कम. ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करना, रिविजन करना और पुरानी गलतियों को न दोहराने की इच्छा से सिली मिस्टेक्स से बचा जा सकता है.


कलेक्टर ने कहा-MBBS के बाद किया IAS बनने का निर्णय 
कलेक्टर ने कहा कि, हर छात्र की अपनी क्षमता है, लेकिन जो टॉपिक आपको मुश्किल लगता है उसके टेस्ट जरूर दें, ताकि गलतियों से सीखा जा सके. कलेक्टर ने कहा कि, उन्होंने एमबीबीएस के बाद आईएएस बनने का निर्णय किया. एमबीबीएस के बाद उन्होंने आईएएस बनने का निर्णय क्यों लिया, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसी प्रश्न में कार्यक्रम का उद्देश्य है. उन्होने कहा कि ग्रेजुएशन जीवन का एक पड़ाव है. यह मंजिल नहीं है. जीवन मे हमेशा कुछ बेहतर करने की और पाने की गुंजाइश है. कलेक्टर ने कहा कि रात में सोने से पहले दिन में किए काम और पढ़ाई का आत्ममंथन करें. अगर लगता है आज किसी चीज में ज्यादा समय बर्बाद किया है, तो कोशिश करें अगले दिन वह गलती न दोहराएं.


पीयर प्रेशर, साथी के एक अच्छे नंबर आने और सिलेक्शन से तनाव के प्रश्न पर कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि पीयर प्रेशर होना सामान्य है, लेकिन हर छात्र की अपनी क्षमता और खूबियां होती हैं, इसलिए तुलना से बचना चाहिए. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि परिश्रम और पुरषार्थ में विश्वास रखें. मन लगाकर मेहनत करें. मेहनत कभी बेकार नहीं जाती. कलेक्टर ने छात्रों के साथ विद्यार्थी जीवन के अपने अनुभव बांटे, जिनको विद्यार्थियों ने सुना. जिला कलेक्टर के साथ डिनर कार्यक्रम की छात्रों ने सराहना की. चम्बल हॉस्टल ऐसासिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाना ही कोटा का मकसद है.


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