Jodhpur Water Problem News: राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े शहर जोधपुर (Jodhpur) में भीषण गर्मी में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. यहां जल वितरण प्रणाली लगभग फेल हो चुकी है. यहां सार्वजनिक नल पर लोग पानी के इंतजार में लंबी लाइनें लगा रहे हैं. लाइन में लगी महिलाओं के माथे पर चिंता की लकीरें हैं कि उनकी बारी आएगी तब तक पानी आएंगा या नहीं? क्योंकि पहले तो पानी आता ही नहीं और आता है तो आधे घंटे में ही नल फिर से सूख जाता है.


ऐसे में पहले पानी भरने की जद्दोजहद में महिलाएं आपस में अक्सर लड़ पड़ती हैं. यह हालात नगर निगम दक्षिण क्षेत्र के वार्ड संख्या एक के हैं. यहां पानी के लिए महिलाओं में झड़प होना आम बात हो गई है. महिलाएं रोजाना दोपहर को ही सब काम छोड़कर पानी के नल के आगे लाइन लगा देती हैं. कभी पानी मिल जाता, कभी निराशा मिलती है और कभी आपसी धक्का-मुक्की और अपमान नसीब होता है.


देश सहित पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है. मौसम विभाग में आने वाले कुछ दिनों में तापमान के और बढ़ने की संभावनाएं जताई गई हैं. इसी के साथ ही पानी की किल्लत से लोग और परेशान हैं. बूंद-बूंद पानी के लिए चिलचिलाती धूप में महिलाएं बच्चों के साथ कई किलोमीटर तक पैदल चलकर एक घड़ा पानी की उम्मीद में घर से निकल रही हैं. यह हाल किसी ग्रामीण क्षेत्र का नहीं बल्कि जोधपुर नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 1 का है. यहां पर पानी की कीमत के चलते महिलाएं नलों के आगे लाइन लगाकर अपने हलक की प्यास बुझाने के लिए इंतजार करती नजर आती हैं. 


लोगों ने क्या कहा?
जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र की अंबेडकर बस्ती में एबीपी न्यूज़ ने ग्राउंड जीरो की स्थिति को देखा. इस बस्ती में करीब 500 से अधिक परिवार रहते हैं. इस बस्ती में गरीब और मजदूर परिवार अपना जीवन गुजर बसर कर रहे हैं. इस बस्ती में पानी की सरकारी टंकी होने के बावजूद बस्ती के लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचता है. बस्ती के लोग मजबूर होकर पानी का टैंकर मंगवाते हैं, जिसकी कीमत एक हजार रुपये तक है. दिन भर मजदूरी कर 500-600 रुपये कमाने वाले मजदूर एक हजार रुपये का पानी का टैंकर मंगवाने को मजबूर हो रहे हैं.


बस्ती में सरकारी नल के आगे लाइन लगाकर खड़ी महिलाओं ने बताया कि हमारे यहां पर पानी आने का कोई समय नहीं है और पानी के बगैर जीवन नहीं है. इसको देखते हुए हम पानी का इंतजार करने के लिए धूप में भी लाइन लगाकर खड़े हैं कि अभी पानी आ जाए. महिलाओं ने बताया कि कई बार लाइन में लगने को लेकर हम पड़ोसियों में भी झगड़ा हो जाता है.


महिलाओं का कहना है कि चुनाव होता है तो सभी नेता वोट मांगने आ जाते हैं, लेकिन हमारी समस्या के समाधान के लिए न कांग्रेस काम कर रही है न ही बीजेपी सब लोग वोट लेकर जाते हैं और उसके बाद कभी भी लौटकर नहीं आते हैं. हम गरीब मजदूर परिवारों की इतनी मजबूरी है कि छोटे बच्चों को पानी के नल के आगे लाइन में बैठना पड़ता है.




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