Janmashtami 2022: अगर घर में बच्चा हो और वो चंचल ना हो, तो काहे का बचपन. बच्चे हर पल कोई नई शरारत करते हैं और इसी से उनके अनुभव बढ़ते हैं. जब भी हम बाल गोपाल को हृदय में बसाते हैं तो माखन से सरोबार एक नटखट छवि सामने आती है. ऐसा चोर जिसके लिए प्रत्येक घर इंतजार करें, जो प्रत्येक स्वरूप में अद्भुत है. लेकिन बाल स्वरूप का तो कहना ही क्या. 


आज भी आपके आंगन में खेलते बचपन का स्वरूप कुछ ऐसा ही होता है कि घर का कोई भी सदस्य अंदाजा ही नही लगा पाता कि अब किस तरह की हरकत होने वाली है. कहीं भी संतान प्राप्ति की खबर सुनने को मिलती है तो लोग कहते है कि कान्हा आएं है और जैसी नवीनता बचपन में होती है इसी तरह के इनोवेटिव एटीटीयूड की जरूरत हर फील्ड में रहती है.


जन्माष्टमी है खास
क्रिएटीव फील्ड में जहां आपको हर दिन कुछ ऐसा डिलीवर करना होता है कि अगला अंदाजा भी नहीं लगा पाए. अगर आप इसके अलावा कम्युनिकेशन की फील्ड से भी जुड़े हुए हैं जैसे आर जे हैं, पब्लिक डीलिंग में बैठते हैं तो सॉफ्ट स्पोकन स्कील्स की भी काफी जरूरत होती है. ऐसे में अगर आप भी ये फायदा चाहते हैं तो ये जन्माष्टमी आपके लिए विशेष महत्व रखती है.


11 बार करें इस मंत्र का जाप
अपनी वाणी को मिश्री जैसी करने के लिए घर के मंदिर में सुबह-सुबह नन्हे बाल गोपाल के सामने माखन और मिश्री का भोग लगाएं और "ऊँ नमोः भगवतेः वासुदेवायः" मंत्र का 11 बार जाप करने के बाद ये प्रसाद ग्रहण करें. फिर ये नियम प्रतिदिन दोहराएं वाणी में प्रखरता, व्यक्तित्व में तेज और इमेजिनेशन में कमाल का फर्क दिखाई देने लगेगा.


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