Janmashtami 2022: भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी जन्माष्टमी (Janmashtami) को पूरी आस्था और उल्लास के साथ मनाते है. मंदिरों में विषिष्ट रूप से भगवान कृष्ण (Lord Krishna) का श्रृंगार किया जाता है. कृष्णावतार के उपलक्ष्य में गली-मुहल्लों एवं घरों में भी भगवान श्रीकृष्ण की लीला की झांकियां सजायी जाती है एवं श्रीकृष्ण की मूर्ति का श्रृंगार करके झूला झुलाया जाता है. 


कान्हा की मन-मोहक छवि देखने के लिए दूर-दूर से श्रृद्धालु आज के दिन मथुरा, वृंदावन पहुंचते हैं, वहां मंदिरों को खास तौर से सजाकर झांकियां सजाई जाती हैं, रासलीला का आयोजन होने से सारा वातावरण कृष्णमय बन जाता है. अगर मौका लगे तो आप जरूर मथुरा, वृंदावन जाकर कृष्णभक्ति का आनन्द उठाएं. और अगर आप घर बैठे जन्माष्टमी महोत्सव मनाने चाहते हैं तो इसकी विधि भी जान लिजिए.


जन्माष्टमी के दिन केले के खम्भे, आम और अशोक के पल्लव आदि से घर को सजाएं. दरवाजे पर मंगल कलष स्थापित करें, रात में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति और शालग्रामजी को विधि पूर्वक पंचामृत से स्नान कराकर विष्णु पूजन करके ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय -इस मंत्र से पूजन कर और वस्त्र अंलकार आदि से सुसज्जित करके भगवान को सुन्दर सजे हुए झूले में प्रतिष्ठित करें. 


धूप-दीप और अन्न रहित नैवेद्य तथा प्रसूति के समय सेवन होने वाले सुस्वाद मिष्ठान, जायकेदार नमकीन एवं विभिन्न प्रकार के फल, पुष्पों और नारियल, छुहारे, अनार, पंजीरी और मेवे का प्रसाद सजाकर भगवान को अर्पण करें. 


दिन में भगवान की मूर्ति के सामने बैठकर कीर्तन करें और भगवान का गुणगान करें और रात्रि को बाहर बजे गर्भ से जन्म लेने के प्रतीक स्वरूप खीरा फोड़कर भगवान का जन्म कराएं और जन्मोत्सव मनाये. जन्मोत्सव के पश्चात कर्पूरादि प्रज्वलित कर समवेत स्वर से भगवान की आरती स्तुति करकें प्रसाद वितरित करें.


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