International Leopard Day 2024: हर साल 3 मई को अंतरराष्ट्रीय तेंदुआ दिवस मनाया जाता है. आज का दिन तेंदुए की सुरक्षा और संरक्षण के लिए खास होता है. राजस्थान सरकार ने तेंदुआ को संरक्षित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है.


बता दें कि उदयपुर में प्रदेश का सबसे बड़ा जंगल है. अरावली पर्वतमाला के घने जंगल में 6 वन्यजीव अभ्यारण्य हैं. अभयारण्यों में आए दिन मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं देखने को मिलती हैं. तेंदुआ जंगल से निकल कर आदिवासी क्षेत्रों में घुस जाता है.


दोनों के बीच संघर्ष की स्थिति में जान का नुकसान होता है. टकराव में कभी तेंदुएं की मौत होती है तो कभी इंसान को जान से हाथ धोना पड़ता है. मानव वन्यजीव संघर्ष का दूसरा कारण गर्मियों में पानी की कमी होने के कारण शहरी क्षेत्र में तेंदुएं का मूवमेंट बढ़ जाता है. तेंदुए की धमक से लोग दहशत में रहते हैं. रिहाइशी क्षेत्र के लोगों की चिंताओं और परेशानियों को दूर करने के लिए वन विभाग ने पहल की है. उदयपुर में पिछले एक साल के दौरान अलग-अलग घटनाओं में 10 तेंदुओं की मौत हो चुकी है.


उदयपुर में लेपर्ड कंजरवेशन रिजर्व होगा विकसित


ऐसे में सरकार ने लेपर्ड कंजरवेशन रिजर्व और रेस्क्यू सेंटर बनाने की पहल की है. अमराख महादेव मंदिर इलाके को लेपर्ड कंजरवेशन एरिया घोषित कर काम शुरू किया गया है. उदयपुर-बांसवाड़ा रोड स्थिति केवड़े की नाल के घने जंगल में भी लेपर्ड कंजरवेशन रिजर्व बनाने की योजना है. दोनों जगहों के लिए काम भी शुरू हो चुका है. लेपर्ड कंजरवेशन एरिया में तेंदुओं के लिए पानी और शिकार की भरपूर व्यवस्था की जाएगी. योजना पर करीबन 1 करोड़ रुपये लागत आयेगी. इसके साथ वेटेनरी हॉस्पिटल बनाने का प्रस्ताव है. उदयपुर जयसमंद अभ्यारण्य में पहले से आवास स्थापित कर दिया गया है. 


बाल विवाह रोकने के लिए जोधपुर जिला प्रशासन अलर्ट, यहां बनाया गया 24 घंटे चलने वाला कंट्रोल रूम