Rajasthan Vidhan Sabha 2023: राजस्थान की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र आज यानी 20 दिसंबर से 21 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान नवनिर्वाचित विधानसभा के सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी. राज्यपाल ने बताया कि इस सत्र में प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ द्वारा 20 दिसंबर को नव निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलवाई जाएगी. दूसरे दिन 21 दिसंबर को शेष रहे विधायकों की शपथ और राजस्थान विधानसभा के स्पीकर का चुनाव होगा. राजस्थान में इस विधानसभा में कई नए परिवर्तन भी देखने को मिलेंगे.


विधानसभा में नेता सदन पहली बार के विधायक हैं तो वहीं विधानसभा अध्यक्ष कई बार के विधायक हैं. वहीं 25 वर्षों के बाद पहली बार ऐसा होगा, जब वसुंधरा राजे सिंधिया और अशोक गहलोत सदन के भीतर किसी भूमिका में नहीं होंगे. 25 साल में पहली बार ही ऐसा भी होगा कि इन दोनों में से कोई भी नेता सदन नहीं होगा, यानी ढाई दशक बाद नेता सदन की कुर्सी पर इन दोनों के अलावा कोई तीसरा नेता बैठेगा. इसके पहले अशोक गहलोत के सीएम पद से हटते ही वसुंधरा राजे सीएम बन जाती थीं. इस बार भाजपा ने चेहरा बदल दिया है. विधानसभा में इसबार एक और रोचक चीज नजर आएगी, वो ये है कि 25 सालों में पहली बार ऐसा होगा कि दो पूर्व सीएम सदन में होंगे. विधानसभा अध्यक्ष रहे सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ चुनाव हार गए हैं, तो वो भी सदन से नदारद रहेंगे. 


72 विधायक पहली बार पहुंचे विधानसभा, इनमें CM भजनलाल भी शामिल


विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं, जिनमें से एक करणपुर सीट खाली है. जिसपर पांच जनवरी को मतदान होगा. 199 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी के पास कुल 115 हैं तो कांग्रेस के पास 69 और 15 पर निर्दलीय विधायक हैं. ऐसी स्थिति में इस बार 72 विधायक पहली बार चुनाव जीतकर आए हैं. जिनमें बीजेपी के 46, कांग्रेस के 19 अन्य 7 विधायक निर्दलीय हैं. रोचक बात तो ये है कि नेता सदन यानी राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी पहली बार ही विधायक बनकर सदन पहुंचेंगे. इस बार की विधानसभा में 20 महिलाएं हैं. बीजेपी और कांग्रेस की 9-9 तो दो निर्दलीय महिला विधायक हैं. 


तीन योगी पहली बार विधानसभा में, 9 विधायक हैं पीएचडी धारक


राजस्थान की 16वीं विधानसभा में पहली बार तीन संत भी चुनाव जीत कर आए हैं. योगी बालक नाथ, महंत प्रतापपुरी और बालमुकुंदा आचार्य पहली बार विधायक बने हैं. इस बार 50 से कम उम्र के 67 विधायक चुनाव जीते हैं. पिछली बार 80 विधायक चुनाव जीतकर आए थे. 50 से ज्यादा के 132 हो गए हैं, जबकि पिछली बार मात्र 119 ही चुनाव जीत सके थे. 47 विधायक इस बार 10वीं या इससे कम पढ़े हैं. पिछली बार 36 थे. पीएचडी धारक मात्र 9 विधायक ही इस सदन में हैं.


'अपने काम से काम रखें नहीं तो बख्शे नहीं जाओगे', डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा की अधिकारियों और कर्मचारियों को हिदायत