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राजस्थान के डूंगरपुर में साइबर ठगी के एक बड़े और संगठित नेटवर्क का खुलासा हुआ है. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला कि एक बैंककर्मी सहित कुल चार आरोपियों ने करोड़ों रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया है.

पुलिस ने साइबर ठगी के दो मामलों में एक आरोपी की गिरफ्तारी के बाद जब उससे गहन पूछताछ की तो इस पूरे नेटवर्क की परतें खुलती चली गईं. पूछताछ में कई सनसनीखेज जानकारियां सामने आईं, जिससे ठगी के पैमाने का अंदाजा लगाया जा सका.

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विदेश भागने की तैयारी में था आरोपी

जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह के दो आरोपी पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए विदेश फरार हो चुके हैं. वहीं, एक अन्य आरोपी भी विदेश भागने की तैयारी में था, लेकिन पुलिस को समय रहते इसकी भनक लग गई.

पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर अहमदाबाद में एक शादी समारोह के दौरान खुद को बाराती बताकर आरोपी को दबोच लिया. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है और साइबर ठगी के इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है.

160 करोड़ रुपये की अवैध राशि का किया गया लेन-देन

पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने बीते करीब दो वर्षों में डूंगरपुर के 450 से अधिक लोगों को अपने जाल में फंसाया. गरीब, बेरोजगार और जरूरतमंद लोगों को आसान कमाई, नौकरी या अन्य प्रलोभन देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाए गए. इन खातों का इस्तेमाल साइबर ठगी से प्राप्त रकम को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था. जांच के अनुसार, इन खातों के जरिए करीब 160 करोड़ रुपये की अवैध राशि का लेन-देन किया गया.

सावधानी बरतने की की गई है अपील

पुलिस का कहना है कि साइबर ठगी से हासिल की गई रकम को पहले म्यूल खातों में डाला जाता था और बाद में उसे अलग-अलग माध्यमों से आरोपियों के निजी खातों में ट्रांसफर किया जाता था. अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही अन्य गिरफ्तारियां हो सकती हैं. इस खुलासे के बाद जिले में साइबर ठगी को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है और आम लोगों से भी सावधानी बरतने की अपील की गई है.

तीनों फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन कर दिया गया है. विदेश भागने वाले दो आरोपियों को पकड़ने के लिए एजेंसियों से भी बात की जा रही है.