भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने गुरुवार को सिरोही जिले के रेवदर क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. रेवदर के खण्ड मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (बीसीएमएचओ) डॉ. लोग मोहम्मद को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया. यह ट्रैप कार्रवाई चित्तौड़गढ़ एसीबी टीम द्वारा की गई. मामला मंडार क्षेत्र में संचालित एक होम्योपैथिक क्लिनिक से जुड़ा हुआ है, जहां अनुमति और आपत्ति नहीं उठाने के बदले रिश्वत की मांग की जा रही थी.
क्लिनिक संचालन के लिए रिश्वत की मांग
एसीबी से मिली जानकारी के अनुसार मंडार क्षेत्र में संचालित एक होम्योपैथिक क्लिनिक के संचालक प्रवीण चौधरी ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में बताया गया कि बीसीएमएचओ डॉ. लोग मोहम्मद क्लिनिक संचालन की अनुमति देने और भविष्य में किसी प्रकार की विभागीय आपत्ति नहीं उठाने के बदले 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग कर रहे थे. परिवादी का आरोप था कि इससे पहले भी रिश्वत नहीं देने पर उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई थी, जिससे वह मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान था.
ट्रैप कार्रवाई और सबूत जुटाना
एसीबी टीम ने शिकायत मिलने के बाद 12 दिसंबर को पूरे मामले का सत्यापन किया. जांच के दौरान सामने आया कि शिकायत प्रथम दृष्टया सही है और अधिकारी द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है. सत्यापन के बाद एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई और चित्तौड़गढ़ से विशेष टीम को रेवदर भेजा गया. एसीबी अधिकारियों ने ट्रैप को सफल बनाने के लिए 30 हजार रुपए के नकली नोट भी शामिल किए, जिससे लेन-देन के दौरान स्पष्ट और ठोस सबूत जुटाए जा सकें. ट्रैप से पहले परिवादी को पूरी प्रक्रिया समझाई गई और आवश्यक निर्देश दिए गए.
आरोपी की गिरफ्तारी और पूछताछ
आरोपी बीसीएमएचओ डॉ. लोग मोहम्मद ने परिवादी को भैरूगढ़ रोड स्थित अपने निवास पर बुलाया. वहां से वह परिवादी को कार में बैठाकर आगे ले गया और कार के भीतर ही रिश्वत की रकम की मांग की. जैसे ही परिवादी ने 50 हजार रुपए की राशि आरोपी को सौंपी, पहले से तैनात एसीबी टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे रंगे हाथ पकड़ लिया.
ट्रैप के दौरान आरोपी ने भागने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा और हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद आरोपी को रेवदर थाने ले जाया गया, जहां आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू की गई. यह कार्रवाई चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश मानी जा रही है. एसीबी की इस कार्रवाई से आमजन में यह भरोसा मजबूत हुआ है कि रिश्वतखोरी करने वालों के खिलाफ कानून अपना काम करेगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.