Rajasthan Crime News: राजस्थान में साइबर अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. साइबर अपराध की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने भरतपुर रेंज में एक महीने से मुहिम चलायी जा रही है.


ऑपरेशन एंटी वायरस (Operation Anti Virus) के तहत डीग पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने साइबर अपराधियों की गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस महानिरीक्षक भरतपुर रेंज राहुल प्रकाश ने बताया कि रुक्कू गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि रुक्कू गिरोह पश्चिम बंगाल से सिम इकठ्ठा कर मेवात के ठगों को अच्छे दामों पर बेचता है.


ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत मिली सफलता


रुक्कू गैंग के गिरफ्तार सदस्य पश्चिम बंगाल में 200 से 250 रुपये के हिसाब से मोबाइल सिम खरीदते हैं. मेवात में ठगों से बेचने पर 5000 से 10,000 रुपये प्रत्येक सिम का दाम मिल जाता है. साइबर ठग मोबाइल सिम का उपयोग ठगी की वारदात को अंजाम देने में करते हैं और देश भर में सोशल साइट के जरिये लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं.


पुलिस की गिरफ्त में आए तीन सदस्यों की पहचान लियाकत, रुकमुद्दीन और महेंद्र सिंह के रूप में हुई है. पुलिस के अनुसार लियाकत का मामा पश्चिम बंगाल में रहता है. लियाकत की शादी पश्चिम बंगाल में हुई है. शादी के बाद लियाकत साइबर ठग गैंग में शामिल हो गया. उसने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर सिम सप्लाई करने का धंधा शुरू कर दिया.


साइबर ठग गैंग के तीन सदस्य हुए गिरफ्तार


लियाकत साथियों के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल में 200 रुपये से लेकर 250 रुपये में सिम खरीदता और इकठ्ठा कर मेवात इलाके में ठग गिरोह को 10,000 रुपये प्रत्येक सिम बेचकर भारी मुनाफा कमाता है. ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत एक महीने में पुलिस ने 105 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की मुहिम से साइबर अपराध की घटनाओं में कमी आई है. साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने का काम आगे भी जारी रहेगा. डीग जिले का मेवात क्षेत्र देश में साइबर क्राइम के लिए कुख्यात है. मेवात को मिनी जामताड़ा के नाम से भी जाना जाता है. देश भर में सोशल साइट के जरिये ठगी का शिकार बनाया जाता है. 


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