Rajasthan Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर राजस्थान के वागड़ (बांसवाड़ा लोकसभा सीट) की राजनीति शुरू से ही चर्चा में रही है. पहले महेंद्रजीत सिंह मालवीय के कांग्रेस से बीजेपी ने जाने पर सुर्खियों में रही थी. अब कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी के बीच गठबंधन की बात की लेकर चर्चाओं में है. 


कांग्रेस हाई कमान वागड़ में भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन पर विचार कर रहा है. इसी बीच वागड़ के ही पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा का बड़ा बयान आया है. भगोरा ने कहा कि जिस पार्टी से 36 कौम के लोग दहशत में हैं, उस पार्टी से गठबंधन स्वीकार नहीं है. इससे साफ है कि वागड़ के स्थानीय नेता भारत आदिवासी पार्टी के विरोध में उतर आए हैं.


ताराचंद भगोरा ने की प्रत्याशी घोषित करने की मांग
एआईसीसी सदस्य और बांसवाड़ा से पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा ने बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने दावा किया कि बांसवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार को जिताने के लिए आमजन आतुर हैं. इसके बावजूद हाईकमान ने अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की. इससे हर एक व्यक्ति के जहन में संशय पैदा हो रहा है.


ताराचंद भगोरा ने अपने बयान में आगे कहा, "पूरे बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से हाईकमान को ताराचंद भगोरा का निवेदन है कि अविलंब पार्टी प्रत्याशी की घोषणा करें. इससे कार्यकर्ता क्षेत्र में कार्य कर सकें."


बाप से गठबंधन पर कड़ा विरोध 
गठबंधन को लेकर ताराचंद भगोरा ने कहा कि रही बात गठबंधन की तो वागड़ अंचल में अगर कांग्रेस पार्टी भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के साथ समझौता करती है, तो यह निर्णय भूतो न भविष्य कभी हम स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि बाप पार्टी के विचार और विजन दोनों ही यहां के 36 कॉम से रास नहीं आते हैं. 


'...तो हमें मौनव्रत स्वीकार है'
ताराचंद भगोरा ने आरोप लगाते हुए कहा, "जब से भारतीय ट्राइबल पार्टी की पैदाइश हुई तब से ही आमजन अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है. ऐसे लोगों के साथ हम कभी कार्य नहीं कर सकते. इसके बावजूद भी अगर कांग्रेस किसी प्रकार का गठबंधन करती है तो हमें मौनव्रत स्वीकार है."


पार्टी के फैसले को लेकर ताराचंद भगोरा ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के वफादार सिपाही हैं, जो लंबे अरसे से हाईकमान के हर निर्णय को मानते हुए पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं. बांसवाड़ा सीट पर किसी भी प्रकार के गठबंधन को हम स्वीकार नहीं करते हैं, क्योंकि वागड़ अंचल हमेशा कांग्रेस मय रहा है.


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