Rajasthan News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने बाद होने जा रहे हैं. चुनाव को देखते हुए कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) सहित अन्य दल भी सक्रिय हो चुके हैं. सभी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन इस चुनावी घमासान के बीच अगस्त महीना अपने आप में राजस्थान की राजनीति के धुरंधर राजनेताओं के लिए अगस्त क्रांति से कम नहीं होगा. राजस्थान की राजनीति के तीन धुरंधर राजनेताओं के भविष्य का फैसला अगस्त महीने में होने वाला है. 


अगस्त महीने में कोर्ट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot),केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) की किस्मत का फैसला होने की संभावना है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की और से मल्टी स्टेट संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के कथित 953 करोड़ से भी अधिक घोटाले के मामले में आपराधिक विधिक याचिका पेश की गई थी. इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है. 


शेखावत की गिरफ्तारी पर दो अगस्त तक रोक
वहीं राजस्थान सरकार द्वारा एसओजी की जांच में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को आरोपी माना गया है. राजस्थान हाईकोर्ट से केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी पर दो अगस्त तक रोक जारी है. संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशकों द्वारा बाड़मेर, जालौर, जोधपुर सहित अन्य जिलों में 160 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मानहानि मामले में सात अगस्त को समन जारी कर तलब किया है. 


शेखावत ने कराया था मानहानि का केस
मानहानि का यह मामला केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर किया गया था. फरवरी 2023 में सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर गजेंद्र सिंह शेखावत को संजीवनी घोटाले का आरोपी बताया था.  उन्होंने कहा था कि एसओजी की जांच में संजीवनी घोटाले के अन्य गिरफ्तार आरोपियों के समान ही गजेंद्र सिंह शेखावत का जुर्म प्रमाणित हुआ है. इस बयान के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली हाईकोर्ट में उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाकर सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर कराया था. 


यह है मामला
बता दें 1 लाख 46 हजार 993 निवेशकों ने मल्टी स्टेट संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में 953 करोड़ से ज्यादा रुपयों का निवेश किया था. निवेशकों का आरोप है कि सोसाइटी ने उनके निवेश किए गए रुपयों का दुरुपयोग किया है. एसओजी इस घोटाले के मुख्य आरोपी विक्रम सिंह इंजॉय सहित कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. प्रदेश में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी ने 211 शाखाएं खोल रखी थीं, जबकि गुजरात में इसकी करीब 26 शाखाएं अलग-अलग जगह पर खुली थीं.


सचिन पायलट सहित 17 विधायकों के मामले में भी सुनवाई
इस मामले के अलावा सचिन पायलट सहित 17 विधायकों के निलंबन मामले में भी 24 अगस्त को हाईकोर्ट फाइनल सुनवाई होगी. दरअसल यह  पूरा मामला जुलाई 2020 का है जब गहलोत सरकार अल्पमत में आ गई थी. इसी संकट के समय विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एक व्हिप जारी किया था. उस दौरान सचिन पायलट सहित 19 विधायक विधानसभा नहीं पहुंचे थे. 


इस पर स्पीकर ने विधायकों को निलंबित करने का नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया था. इसके बाद पायलट सहित सभी विधायकों ने स्पीकर के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. बता दें कि वल्लभनगर और सरदारशहर के विधायकों का देहांत हो चुका है.


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