भीलवाड़ा में फैक्ट्री के जहरीले धुएं के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है. चित्तौड़ रोड पर गुवारड़ी नाले के पास स्थित टायर जलाकर ऑयल बनाने वाली क्वालिटी सूटिंग प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री के खिलाफ ग्रामीणों के आक्रोश ने शुक्रवार (12 दिसंबर) को खतरनाक रूप ले लिया. दो युवक फैक्ट्री के बॉयलर पर चढ़ गए और आत्मदाह की चेतावनी दे दी. सूचना पर हमीरगढ़ तहसीलदार, हमीरगढ़ व मंगरोप थानाधिकारी तथा प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी मौके पर पहुंचे और युवाओं को समझाइश करने के प्रयास में जुटे हुए हैं. ग्रामीणों ने प्रदूषण नियंत्रण मण्डल पर फैक्ट्री संचालक से मिलीभगत का भी आरोप लगाया. साथ ही ग्रामीणों ने फैक्ट्री संचालक के पुतले को जूते से भी पीटा.
ग्रामीणों ने लगाया ये आरोप
ग्रामवासियों का कहना है कि फैक्ट्री के धुएं की वजह से गांव के लगभग 50 प्रतिशत लोग अस्थमा और कैंसर से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ सालों में 15-20 लोगों की मौत कैंसर से तथा करीब 50 लोगों की मौत अस्थमा से हो चुकी है.
कई परिवारों में कम उम्र में हुई मौतों से बच्चे अनाथ हो रहे हैं और उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि धुएं की दुर्गंध इतनी तीखी होती है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. त्वचा रोग, आंखों में जलन, सिरदर्द और कमजोरी आम बात हो गई है.
विद्यालय के बच्चों पर भी जहरीली गैस का असर
गुवारड़ी में फैक्ट्री के ठीक पास स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने आने वाले बच्चों पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि धुएं के कारण कई बच्चों को सांस संबंधी दिक्कत, अस्थमा और एलर्जी की शिकायत हो गई है. यहां तक कि कई बच्चों ने बदबू और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण स्कूल जाना बंद कर दिया, जो शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है.
शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि इस संबंध में शिकायतें सीएमओ पोर्टल, पीएमओ पोर्टल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित विभिन्न विभागों को दी जा चुकी हैं, लेकिन फैक्ट्री मालिक की कथित राजनीतिक पहुंच के कारण अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
ग्रामीणों ने फैक्ट्री बंद करने की रखी मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि टायर जलाकर ऑयल बनाने वाली फैक्ट्री को तत्काल बंद किया जाए, गांव व विद्यालय के आसपास वायु गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, फैक्ट्री प्रबंधन व जिम्मेदार अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए
15 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन की चेतावनी ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों में फैक्ट्री के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो पूरे गांव के लोग उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.