राजस्थान के सिरोही जिले की पिंडवाड़ा तहसील की वाटेरा ग्राम पंचायत की गौचर भूमि में हुए भारी अवैध मिट्टी खनन मामले में एबीपी लाइव द्वारा प्रकाशित खबर का बड़ा असर सामने आया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए वाटेरा ग्राम पंचायत की प्रशासक सविता रावल ने अज्ञात खनन माफियाओं के खिलाफ रोहिड़ा थाने में लिखित रिपोर्ट सौंप कर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है. ऐसे में अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि रोहिड़ा पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करती है या फिर खनन माफियाओं के राजनीतिक रसूख के आगे नतमस्तक हो जाती है. थानाधिकारी गीता सिंह का पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल फोन स्विच ऑफ या नॉट-रीचेबल बताया जा रहा था.

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अवैध खनन की जांच के लिए कमेटी गठित- उपखंड अधिकारी

पिण्डवाड़ा उपखंड अधिकारी नरेंद्र जागिड़ ने बताया कि गौचर भूमि में अवैध खनन की जानकारी मिलते ही जांच कमेटी गठित कर दी गई है. माइनिंग विभाग के साथ संयुक्त रूप से पूरे मामले की जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

गौचर में किस वजह से हुआ मिट्टी खनन?

वाटेरा ग्राम पंचायत की ओर से स्पष्ट किया गया है कि खनन के लिए पंचायत स्तर पर किसी प्रकार की स्वीकृति जारी नहीं की गई थी. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर किसकी पनाह में गौचर भूमि की मिट्टी का खनन हुआ? 

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इस अवैध गतिविधि को अंजाम देने वाले खनन माफिया कौन हैं? और किसके संरक्षण में गौवश के चरागाह को नुकसान पहुंचाया गया? स्थानीय ग्रामीणों में इस मामले को लेकर गहरी नाराजगी है. गौचर भूमि में बड़े पैमाने पर गड्ढे बनने से पशुओं के चरने की जगह भी प्रभावित हुई है.

मौके पर पहुंची माइनिंग विभाग की टीम 

सिरोही खनिज अभियंता चंदन कुमार के निर्देश पर माइनिंग विभाग के फोरमैन जसवंत सिंह चुण्डावत अपनी टीम के साथ सरगामाता मंदिर के पीछे स्थित खनन स्थल पर पहुंचे. जसवंत सिंह ने मौके पर निरीक्षण के बाद कहा कि प्रकाशित खबर पूरी तरह सही है. 

दो अलग-अलग स्थानों पर बड़े पैमाने पर मिट्टी का खनन किया गया है. खनन की गई मिट्टी पास की एक निजी फैक्ट्री में ले जाई गई है. मैंने मौका फर्द रिपोर्ट तैयार कर खनिज अभियंता कार्यालय को सौंप दी है. अब अगली कार्रवाई खनिज अभियंता कार्यालय के निर्देशों पर निर्भर करेगी. 

जनता की निगाहें कार्रवाई पर

स्थानीय लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि विभाग इस मामले में ठोस कार्रवाई करेगा या फिर रिपोर्ट फाइलों में दबी रह जाएगी. गौचर भूमि में अवैध खनन से जुड़े इस गंभीर मामले में अब सबकी नजरें रोहिड़ा पुलिस और माइनिंग विभाग की कार्रवाई पर टिकी हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो खनन माफियाओं के हौसले और बुलंद होंगे.