Kumher Hatyakand Bharatpur: भरतपुर (Bharatpur) जिले में 6 जून 1992 को हुए कुम्हेर हत्याकांड (Kumher Hatyakand) पर कोर्ट ने 31 साल  के बाद आज (शनिवार) को फैसला सुनाया है. भरतपुर की एससी-एसटी कोर्ट के मजिस्ट्रेट ने कुम्हेर हत्याकांड के मामले में नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा 41 लोगों को बरी कर दिया गया है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस कुम्हेर हत्याकांड में 283 लोगों के बयान दर्ज किए. कुम्हेर हत्याकांड को लगभग 31 साल हो चुके हैं. कोर्ट की लम्बी कार्रवाई के दौरान 33 लोगों की मृत्यु हो भी चुकी है.


उल्लेखनीय है कि 1992 में कुम्हेर कस्बे में जाट और जाटव समुदाय के कुछ लोगों के बीच हल्की कहा सुनी हुई थी. इस हल्की कहासुनी ने विकराल रूप ले लिया और 6 जून 1992 को जाट और जाटव समुदाय के लोगों के बीच जातीय संघर्ष हो गया था. जाट-जाटव के बीच हुए इस जातीय संघर्ष में जाटव समाज के 16 लोगों की हत्या हुई थी. यही नहीं दलित समाज के लोगों के घरों में भी आग लगा दी गई थी. इस हत्याकांड की शिकायत कुम्हेर थाने में दर्ज हुई थी, लेकिन बाद में इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई ने जांच करने के बाद जाट समाज के 83 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था.


भरतपुर जिला है जाट बाहुल्य
वहीं इस मामले में एडवोकेट राजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 6 जून 1992 को जाट समुदाय द्वारा जाटव समुदाय के 16 लोगों की हत्या करने और 40 से ज्यादा लोगों को घायल करने की शिकायत पुलिस में दर्ज हुई थी. फिर बाद में यह जांच पुलिस से ट्रांसफर होकर सीबीआई के पास चली गई थी. सीबीआई ने जांच करते हुए 16 लोगों की हत्या के मामले में कोर्ट में 83 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया था. इस पर आज कोर्ट ने फैसला सुनाते नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और 41 लोगों को बरी कर दिया है. वहीं कोर्ट की कार्रवाई के दौरान 33 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. बता दें भरतपुर जाट बाहुल्य जिला रहा है. खासकर कुम्हेर और डीग तो  पूर्ण रूप से जाट बाहुल्य इलाका है.


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