Bharatpur Deeg News: राजस्थान के डीग जिले के कुम्हेर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. मृतक एक निजी कंपनी में ड्राइवर की नौकरी करता था, लेकिन कंपनी वालों ने अचानक उसको नौकरी से निकाल दिया. इस बात से वह इतना आहत हुआ कि घर पहुंच कर उसने आत्महत्या कर ली. मृतक के परिजनों और गांव वालों ने निजी कंपनी के ऑफिस पहुंच कर विरोध प्रदर्शन किया. इस मामले में परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. 


ये पूरा मामला डीग जिले के कुम्हेर थाना क्षेत्र का है. कुम्हेर थाना क्षेत्र के बरतई गांव के रहने वाले देवेंद्र एक निजी कंपनी ड्राइवर का काम करते थे. कंपनी ने बीते दिनों अचानक उन्हें कंपनी से निकाल दिया. कंपनी से निकाले जाने के बाद उनके सामने परिवार के भरण पोषण की समस्या खड़ी हो गई. नौकरी से निकाले जाने के बाद ड्राइवर देवेंद्र काफी आहत थे. मिली जानकारी के अनुसार 21 जनवरी की शाम को श्मशान के पास स्थित एक पेड़ से लटकर कर आत्महत्या कर ली. 


जेब से मिले कागज से खुला आत्महत्या का राज
इसकी खबर लगते ही मौके पर परिजन पहुंच गए, उन्होंने देवेंद्र को आनन फानन में अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टरों ने चिकित्सीय परीक्षण के बाद देवेंद्र को मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने इसके बाद देवेंद्र के शव का अंतिम संस्कार कर दिया. 22 जनवरी को मृतक देवेंद्र के कपड़ों से मिले एक कागज के टुकड़े से परिजन सन्न रह गए. दरअसल, मृतक देवेंद्र ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, यह नोट उनकी पैंट की जेब से मिला था. जिसमें उन्होंने आत्महत्या जैसा भयावह कदम उठाने का कारण लिखा था.


आत्महत्या से पहले लिखा सुसाइड नोट
मृतक देवेंद्र ने सुसाइड नोट में निजी कंपनी खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने अनपे सुसाइड नोट में लिखा, "कंपनी की तरफ से लगातार मुझे नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही थी. गलती से मुझसे एक बिजली का तार टूट गया था. डंपर उठाते ये बिजली का तार टूट गया था, इसमें मेरी कोई गलती नहीं है. मुझे इतना मजबूर कर दिया गया कि मैं आत्महत्या कर रहा हूं. इसी नौकरी से मेरे परिवार की रोजी रोटी चल रही थी."


सुसाइड नोट में मृतक ने लिखा, "ये बाते मैंने अपने घरवालों को बताई लेकिन वह समझे नहीं. मृतक देवेंद्र ने अपनी मौत का जिम्मेदार कंपनी को बताया है. उन्होंने कहा कि मैं अपने घर वालों से कहना चाहता हूं मेरी आत्मा को शांति के लिए प्रार्थना करना. मेरी दो बेटी और बेटा कुंवारे हैं, वह पढ़ाई कर रहे हैं. उन सभी का ध्यान रखना."


नौकरी से निकलने पर मृतक था परेशान
मृतक देवेंद्र के चचेरे भाई सुभाष ने बताया कि वह कंपनी में ड्राइवर के पद पर कार्य करता था. 18 जनवरी को देवेंद्र ट्रक को लेकर कुम्हेर गेट के पास मिट्टी डालने गए, इसी दौरान ट्रक का पीछे का हिस्सा बिजली के पोल से टकरा गया. जिससे एक बिजली का तार टूट गया. इसी बात को लेकर कंपनी वाले देवेंद्र को परेशान करने लगे और उस पर एफआईआर कराने की धमकी देने लगे.


सुभाष के मुताबिक, 19 जनवरी शाम को देवेंद्र को कंपनी वालों ने बगैर बताए नौकरी से निकाल दिया. 20 जनवरी को जब वह कंपनी में ड्यूटी के लिए पहुंचा उसे काम करने से रोक दिया गया. कंपनी से लौटकर देवेंद्र ने नौकरी से निकाले जाने की बात अपनी मां और पत्नी से बताई. नौकरी से निकाले जाने के बाद देवेंद्र बहुत परेशान था और उसने पेड़ से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. 21 जनवरी को सुबह उसका शव पेड़ से लटका हुआ मिला. सुसाइड नोट मिलने पर परिजनों और ग्रामीणों ने कंपनी के ऑफिस पर प्रदर्शन किया और परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की.


पुलिस ने दर्ज किया मामला
इस संबंध में कुम्हेर थाना अधिकारी महेन्द्र सिंह राठी ने बताया कि गांव बरताई के कुछ लोग सुसाइड नोट लेकर पुलिस थाने पहुंचे थे. यहां उन्होंने मृतक के आत्महत्या के मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की. फिलहाल मामला दर्ज कर लिया गया है और इसकी जांच की जा रही है.


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