Ramlala Pran Pratishtha: सदियों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में सोमवार को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई. वहीं जहां पूरे विश्व में राम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव पर लोग अपनी-अपनी भागीदारी निभा रहे थे, पूरी दुनिया भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आनंद ले रही थी, वहीं दूसरी तरफ अस्पताल में खुशियों की किलकारी गूंज रही थी. ये इसलिए भी खास कि जिन लोगों के बच्चों ने जन्म लिया उनके लिए खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, क्योंकि ये दिन लोगों के लिए बेहद खास था.


कोटा के जेके लोन चिकित्सालय में इस बेहद खास दिन पर 23 बच्चों ने जन्म लिया है. मेडिकल कॉलेज में आठ बच्चों ने जन्म लिया तो दूसरे और अन्य चिकित्सालय में भी बच्चों ने जन्म लिया. मेडिकल कॉलेज के में जन्मे आठ बच्चों में सात बेटियां जन्मीं, जिसमें से कई लोगों ने उनका नाम सिया सीता रखा. प्रेम नगर निवासी चंद्रकला ने बेटी को जन्म दिया, उसका नाम तत्काल ही सिया रखा गया. 


सात साल बाद बेटा हुआ, नाम रखा राम 
कोटा के नदी पार क्षेत्र कुन्हाडी निवासी शुभम जाजू के घर सात साल बाद बेटा हुआ, नाम राम रखा गया. मेडिकल कॉलेज में पांच सिजेरियन ऑपरेशन से बच्चों ने जन्म लिया तो तीन नॉर्मल डिलीवरी हुई, जबकि कोटा के सबसे बड़े जेके लोन चिकित्सालय में 10 सिजेरियन और 13 नॉर्मल डिलीवरियां हुई है.


पांच बेटियों के बाद हुआ बेटा
कोटा शहर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दिन कई घरों में खुशियां आई हैं. ऐसे में बारां जिले के किशनगंज निवासी मनभर गुर्जर ने पांच बेटियों के बाद बेटे को जन्म दिया है. इस खुशी  का उनके घर में ठिकाना नहीं था. एक और तो भगवार राम के  प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की खुशी तो दूसरी और घर में राम आने की खुशी. इनके घर में यह क्षण और दिन अभूतपूर्व था.


रामगंज मंडी में जन्म पर दिए गए 5100 रुपए
रामगंज मंडी चिकित्सालय में जन्मे बच्चों को 5100 रुपए दिए गए. रामगंज मंडी सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रमोद विजय ने बताया कि पांच प्रसव हुए हैं. यहां पार्षद जगदीश गुप्ता और उनकी पत्नी पार्षद अंजना गुप्ता ने सभी को 5100 रुपए की राशि दी है. जेके लोन अधीक्षक डॉ. आशुतोष शर्मा ने बताया कि उनके अस्पताल में वार्ड में कपड़े वितरित किए गए हैं. जबकि प्राइवेट नर्सिंग होम में भी बच्चों को उपहार बांटे गए हैं.


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