राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2020 के राजनीतिक संकट को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर तीखा हमला बोला है. गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर बयान जारी कर कहा कि “शेखावत चुनी हुई सरकार को गिराने के प्रयास के पाप से मुक्त नहीं हो सकते.”

Continues below advertisement

गहलोत ने अपने बयान में साफ कहा कि शेखावत 2020 में कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश का हिस्सा रहे थे और आज भी उससे पल्ला नहीं झाड़ सकते. उन्होंने कहा, “राजस्थान में 2020 में कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश करने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा एक मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट (एफआर) लगाने पर बड़ी-बड़ी बातें कह रहे हैं.”

'वॉइस सैंपल' पर उठाया सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री ने शेखावत को चुनौती देते हुए पूछा कि अगर वे सचमुच ईमानदार हैं तो अब तक ऑडियो टेप के मामले में 'वॉइस सैंपल' क्यों नहीं दिया. गहलोत बोले, “यदि इतने ही ईमानदार हैं तो विधायकों से खरीद-फरोख्त की बात करने वाले ऑडियो की जांच के लिए आज तक वॉइस सैंपल क्यों नहीं दिया? संजय जैन वाले मुकदमे में वो बार-बार अदालत में वॉइस सैंपल देने का विरोध क्यों करते हैं?”

Continues below advertisement

इधर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर में कहा कि अदालत ने एसीबी और सीबीआई की 'क्लोजर रिपोर्ट' स्वीकार कर ली है. उन्होंने दावा किया, “सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन दबाया नहीं जा सकता.”

‘एजेंसियों पर दबाव डालकर बदली दिशा’

गहलोत ने अपने बयान में यह भी कहा कि सरकार बदलने के बाद जांच एजेंसियों पर दबाव बनाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि “पहले संजीवनी केस और अब दूसरे मामलों में जांच एजेंसियों पर दबाव डालकर तथ्य तोड़-मरोड़कर एफआर लगाई जा रही है, जिससे अदालत के सामने कोई और चारा नहीं बचता है.”

2020 की ‘मानेसर कड़ी’ फिर हुई ताजा

गहलोत ने कहा, “जुलाई-अगस्त 2020 में सरकार गिराने के लिए 30 विधायकों के समर्थन वापसी के दावे, 20 विधायकों को मानेसर ले जाना, अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान और जफर इस्लाम से मुलाकात, कांग्रेस नेताओं पर ईडी, आईटी और सीबीआई के छापे, विधायकों को रिश्वत के मामले, बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों पर अचानक मुकदमे सब कुछ प्रदेशवासियों के मन में ताजा है.”

‘मध्य प्रदेश जैसा प्लान राजस्थान में भी’

गहलोत ने कहा कि ठीक उसी समय मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिराई गई थी और राजस्थान में भी वैसा ही प्रयास हुआ. लेकिन कांग्रेस आलाकमान और जनता के समर्थन से वो कोशिश नाकाम रही और उनकी सरकार पूरे पांच साल चली.

‘शेखावत इस पाप से मुक्त नहीं हो सकते’

गहलोत ने अपने बयान का अंत करते हुए कहा, “इस प्रकार गजेंद्र सिंह शेखावत चुनी हुई सरकार को गिराने के प्रयास के इस पाप से कभी मुक्त नहीं हो सकते.”