Alwar Fraud Case: कहते है लालच बुरी बला है. लालच में आकर ही आदमी अपना सब कुछ खो देता है. ऐसा ही हुआ अलवर के एक सरकारी अध्यापक के साथ. अध्यापक रशीद खान के सम्पर्क में आये दादर निवासी फारुख ने दोस्ती करने के लिए उसे 1 लाख रुपये के बदले में 1 लाख 30 हजार का चेक दे दिया और अध्यापक रशीद से दोस्ती कर ली उसके घर आना - जाना शुरू कर दिया.


दादर निवासी फारुख ने रशीद को बताया था की वह शेयर मार्केट में पैसे निवेश करना जनता है और अपने आप को बड़ा ठेकेदार बताता था. बड़ी गाड़ी में चलना और शूट - बूट पहनकर रहना दूसरों पर पैसे खर्च कर लोगों को अपने जाल में फंसाता है. उसी का शिकार सरकारी टीचर रशीद खान भी हो गया. जब रशीद को फारुख ने 1 लाख के बदले 1 लाख 30 हजार रुपये दे दिए उसके बाद फारूक ने अपना मकान बेचने के बहाने रशीद को अपना शिकार बनाया और रशीद से 22 लाख 48 हजार की ठगी कर ली.


क्या कहना है सरकारी अध्यापक का? 


अलवर के सामोला निवासी सरकारी अध्यापक रशीद खान ने बताया की दादर निवासी फारुख बड़ी कार में चलता है और अपने आप को बड़ा ठेकेदार बताता है . उसने बताया की फारुख ने अपने आप को शेयर मार्केट की जानकारी रखने वाला बताकर 1 लाख लेकर 1 लाख 30 हजार का चैक दे दिया और उससे दोस्ती बढ़ा ली. घर आना - जाना हो गया और फारुख ने पैसों की जरूरत बताकर अपना घर बेचने को कहा. उसने बोला तुम मेरा मकान ले लो और सरकारी मास्टर ने तीन बैंकों से लोन लेकर फारुख खान को  22 लाख 48 हजार रुपये दे दिए . जब टीचर ने फारुख को रजिस्ट्री कराने की कहा तो फारुख ने रजिस्ट्री कराने से मना कर दिया और चंपत हो गया. 


बात नहीं बनी तो ने मास्टर ने कराया मामला दर्ज


फरवरी माह का बताया जा रहा है कि यह मामला सरकारी मास्टर ने 22 लाख 48 हजार देने के बाद अपने परिवार के लोगों के साथ फारुख के घर गया. जहां फारुख के पिता और भाई ने मकान की रजिस्ट्री कराने की मना कर दी. यह भी कहा की झांसे में लेकर तुम्हारे साथ ठगी की है. मास्टर रशीद खान फारुख से पैसे निकालने के लिए प्रयास करता रहा. जब बात नहीं बनी तो सरकारी मास्टर रशीद खान ने अलवर के अरावली विहार पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है. 


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