Rajasthan News: मानव अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी जारी के मामले में राजस्थान सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को निंलिबत कर दिया गया है. चिकित्सा विभाग की ओर से सोमवार को आदेश जारी किया गया.


रविवार रात एसीबी की टीम ने रिश्वत लेकर अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. एसीबी के डीआईजी रवि ने बताया कि जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण से संबद्ध कार्मिक एवं दलाल को एनओसी जारी करने की एवज में 70 हजार रुपये की कथित रिश्वत लेते-देते पकड़ा गया है.


मानव अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी


एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, ईएचसीसी अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट संयोजक अनिल जोशी को 70 हजार रुपये रिश्वत के रूप में लेते-देते पकड़ा गया. जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट समन्वयक विनोद को भी एसीबी की टीम ने धर दबोचा.


मौके पर आरोपियों के पास से तीन फर्जी एनओसी भी बरामद किये गये. स्वास्थ्य विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह के नेतृत्व में उच्च स्तरीय बैठक बुलायी गयी. उन्होंने अधिकारियों को रिश्वत लेकर अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में फौरन कार्रवाई की हिदायत दी.


एसएमएस अस्पताल के अधिकारी निलंबित


उच्च स्तरीय कमेटी से प्रकरण की जांच करवाने और 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने को भी निर्देशित किया. शुभ्रा सिंह ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी मामले की जांच करेगी. जांच में अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी, मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकृत सभी निजी अस्पतालों का सत्यापित रिकॉर्ड भी शामिल है. मानव अंग ट्रांसप्लांट की मॉनिटरिंग के लिए SOP तैयार कर आवश्यक सुझाव भी उच्चस्तरीय कमेटी पेश करेगी. मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार की कार्रवाई से शिक्षा विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. 


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