Haryana News: हरियाणा विधानसभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र की शुरूआत आज से होने वाली है. विपक्ष की तरफ से जहां सत्र को बढ़ाने की मांग की गई थी लेकिन कार्य समिति की बैठक में उनकी मांग मंजूर नहीं की गई. वहीं आज सत्र के दौरान जबरदस्त हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं. विपक्ष जहरीली शराब, बेरोजगारी, फसलों के मुआवजे को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करने वाला है. वहीं विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए मनोहर लाल सरकार भी पूरी तरह तैयार नजर आ रही है.  


‘हर सवाल का ठोस जवाब दिया जाएगा’
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है. उनके हर सवालों का ठोस जवाब दिया जाएगा. शीतकालीन सत्र के दौरान मनोहर लाल खट्टर सरकार की तरफ से चार बिल पेश किए जा सकते हैं. इसमें रेस्टोरेंट और होटल में हुक्का परोसने पर कार्रवाई, इसके अलावा मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023, निजी विश्वविद्यालय से संबंधित बिल और कबूतरबाजी पर शिकंजा संबंधित बिल शामिल हैं.


आपको बता दें कि विधानसभा सत्र के दौरान 60 तारांकित प्रश्न सत्र की कार्रवाई का हिस्सा बन सकते हैं. इसके अलावा 156 अतारंकित प्रश्न पूछे गए हैं. 49 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और एक अल्पअवधि प्रस्ताव की सूचना भी मिली है. इसके अलावा एक काम रोको प्रस्ताव भी विधानसभा सचिवालय के पास पहुंचा. वहीं विधानसभा सचिवालय की तरफ से अभी सिर्फ दो ध्यानाकर्षण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.


शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जा सकते हैं ये विधेयक
हरियाणा सरकार रेस्टोरेट और होटल में हुक्का परोसने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. ऐसे में अगर होटल या रेस्टोरेंट में किसी ने हुक्का परोसा तो आरोपियों को 1 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा गैरजमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जा सकती है. इसके अलावा पारंपरिक हुक्कों और गांव की चौपालों में हुक्के पर छूट रहने वाली है.


इसके साथ ही सरकार अब मृत शरीर सम्मान विधेयक भी ला सकती है. जिसके तहत शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा, अगर ऐसा कोई करता है तो उसपर कानूनी कार्रवाई से लेकर जुर्माने तक का प्रावधान होगा. वहीं बिल पास होने के बाद विरोध प्रदर्शन की स्थिति में शव के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की होगी.


हरियाणा सरकार पंजाब और चंडीगढ़ की तरह रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन ऑफ द ट्रैवल एजेंसीज एक्ट बिल भी ला सकती है. जिसके लिए हर ट्रैवल एजेंसी को लाइसेंस लेना होगा, इसके साथ ही उसे रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा. वहीं शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार निजी विश्वविद्यालय विधेयक भी ला रही है. जिससे छात्रों को आरक्षण के तहत दाखिले और फीस में छूट नहीं देने पर सरकार निजी विद्यालयों पर शिकंजा कसेगी.


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