Haryana News: सतलुज-यमुना लिंक नहर (SYL) को लेकर गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच तीसरी बैठक होनी है. इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत करने वाले हैं. वहीं सीएम खट्टर और भगवंत मान अपनी टीम के साथ मौजूद रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट जनवरी के पहले हफ्ते में एसवाईएल विवाद को लेकर सुनवाई होनी है. इससे पहले हरियाणा और पंजाब सरकार की तरफ से मामले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए बैठक होनी है. 


क्या है SYL विवाद?


एसवाईएल नहर का पूरा विवाद हरियाणा और पंजाब के बीच है. 18 नवंबर,1976 को पंजाब की तरफ से पंजाब करोड़ रुपये लिए और 1977 में एसवाईएल के निर्माण को मंजूरी दे दी. इसके बाद पंजाब ने एसवाईएल नहर के निर्माण को लेकर आनाकानी करनी शुरू कर दी. तब 1979 में हरियाणा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. इसके बाद पंजाब सरकार की तरफ से 11 जुलाई, 1979 को पुनर्गठन एक्ट की धारा 78 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. 1981 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने दोनों राज्यों का समझौता करवाया. 1985 में एसवाईएल नहर का काम शुरू करवाया गया. शिरोमणि अकाली दल ने इसका विरोध भी किया.


साल 1990 में एसवाईएल के निर्माण से जुड़े दो इंजीनियरों की हत्या कर दी गई. तब हरियाणा के सीएम हुक्म सिंह ने केंद्र सरकार से नहर के निर्माण का काम BSF की निगरानी में करवाने की मांग की. 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने 2002 को पंजाब को एक साल में एसवाईएल नहर बनवाने के निर्देश दिया. साल 2015 में हरियाणा सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को संविधान पीठ का अनुरोध किया गया.


सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था नोटिस


2016 में 5 सदस्यों की संविधान पीठ ने हरियाणा-पंजाब को सुनवाई के लिए बुलाया और 8 मार्च को दूसरी सुनवाई के बाद पंजाब में 121 किलोमीटर लंबी नहर को पाटने का काम शुरू हो गया. लेकिन, 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नहर पाटने का काम रुकवा दिया गया. साल 2019 सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दोनों राज्यों को कहा गया कि वो अगर नहर का निर्माण नहीं कराएंगो तो कोर्ट खुद इसका निर्माण करवाएगा. साल 2022 में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हरियाणा-पंजाब को इस विवाद को सुलझाने के लिए नोटिस जारी किया गया.


वहीं अब कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से एसवाईएल नहर के निर्माण को लेकर हरियाणा और पंजाब के बीच चल रहे विवाद को लेकर मध्यस्थता करने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से केंद्र सरकार को पंजाब में जमीन के उस हिस्से का सर्वेक्षण करने के लिए भी कहा, जिससे यह विवाद फिर सुर्खियों में आ गया और इसको लेकर दो बैठकें हुईं, लेकिन दोनों ही बेनतीजा रही है. लिहाजा गुरुवार को एसवाईएल नहर विवाद को लेकर केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों में बैठक होगी.


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