Punjab News: 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) इन दिनों असम की डिब्रूगढ़ जेल (Dibrugarh Jail) में बंद है. गुरुवार को अमृतपाल से मिलने के लिए उसके माता-पिता डिब्रूगढ़ जेल पहुंचे. मुलाकात के बाद उन्होंने बताया कि 17 मार्च के बाद आज वो अपने बेटे से मिले हैं. अमृतपाल की माता बलविंदर कौर ने कहा कि उनका बेटा जेल में चढ़दीकला में है. अमृतपाल के पिता ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि उनके बेटे को गलत केस में फंसाया गया है. केस वापस कर उसे रिहा किया जाना चाहिए.


'उसकी कोई मिसाल नहीं वो बेमिशाल है'


अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने बताया कि वो अपने बेटे के लिए खाने-पीने का सामान लेकर आए थे. उसे जेल प्रशासन ने अभी अपने पास रखवा लिया है. उसे चेक करने के बाद अमृतपाल के पास पहुंचा दिया जाएगा. अमृतपाल से मिलने के लिए उसके माता-पिता के साथ बरनाला से पूर्व सांसद एवं एडवोकेट राजदेव सिंह खालसा और एक अन्य वकील बृज शर्मा भी पहुंचे. इस दौरान एडवोकेट बृज शर्मा ने कहा कि वो अमृतपाल समेत उसके साथियों के लिए बेल लगा रहे है. वहीं पूर्व सांसद एवं एडवोकेट राजदेव सिंह खालसा ने कहा कि भाई अमृतपाल पर झूठे केस बनाए गए हैं. पंजाब सरकार ने झूठे केस बनाकर साबित कर दिया है वो सिखों के धार्मिक प्रचार को खत्म करना चाहते है. खालसा ने कहा कि अमृतपाल ने जिस तरह से सिख धर्म का प्रचार किया उसकी कोई मिशाल नहीं वो बेमिशाल है. 


4 मई को पहले पत्नी ने की थी मुलाकात


बीती 4 मई को अमृतपाल से मिलने के लिए उसकी पत्नी किरणदीप कौर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जत्थे के साथ आई थी. उस समय अमृतपाल ने वकील और अन्य परिजनों को एक चिट्ठी दी थी. जिसमें कौम के नाम संदेश दिया गया था.


36 दिन की तलाश के बाद हुई थी गिरफ्तारी


आपको बता दें कि अजनाला मामले में जब पुलिस 18 मार्च को अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी वो फरार हो गया था. वो करीब 36 दिन तक फरार रहा था. पुलिस ने उसकी तलाश में पंजाब समेत अन्य राज्यों में भी छापेमारी की थी. पुलिस ने अमृतपाल के नेपाल या पाकिस्तान भागने की आंशका जताई थी. लेकिन अमृतपाल मोगा जिले में रोडे गांव गिरफ्तार कर लिया गया था. 


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