Haryana Government’s E-Tender Policy: ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए हरियाणा सरकार की ई-टेंडर नीति (E-Tender Policy) के खिलाफ बुधवार को कई गांवों के सरपंचों (Sarpanchs) ने पंचकूला (Panchkula) में धरना दिया. ई-टेंडरिंग पॉलिसी के विरोध में हरियाणा सरपंच एसोसिएशन (Haryana Sarpanch Association) के सदस्यों-ग्राम प्रधानों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था ने मनोहर लाल खट्टर के आवास की ओर मार्च करने की धमकी दी.


इसके बाद पंचकुला-चंडीगढ़ सीमा पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई और बैरिकेड्स लगाए गये. ई-टैंडर के खिलाफ पंचकुला में सरपंचों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा देखने को मिली. सरपंचों ने पुलिस पर पथराव कर दिया जिसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.



'पॉलिसी से कम हो जाएगी खर्च करने की शक्ति'


सोमवार को हरियाणा सरकार और ग्राम प्रधानों के बीच इस मुद्दे पर हुई बैठक में कोई समाधान नहीं निकल सका. बता दें कि हरियाणा में हाल ही में हुए पंचायत चुनावों के बाद, नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान ई-टेंडरिंग प्रणाली का विरोध कर रहे हैं, उनका दावा है कि इससे उनकी खर्च करने की शक्ति कम हो जाएगी. वहीं विकास और पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि ई-टेंडरिंग प्रणाली से काम में पार्दर्शिता आएगी और विकास परियोजनाओं में गुणवत्ता सुनिश्चित होगी. वहीं हरियाणा सरपंच संघ ने कहा कि वे इस नीति के खिलाफ हैं. संघ ने दावा किया कि नई पॉलिसी विकास कार्यों में रुकावट पैदा करेगी. वहीं ग्राम प्रधानों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वे अपना विरोध जारी रखेंगे.


विपक्षी दलों ने दिया सरपचों का साथ


बता दें कि पिछले हफ्ते सीएम खट्टर ने कहा था कि ई-टेंडरिंग पॉलिसी का उद्देश्य विकास कार्यों में पारदर्शिता लाना है. जबकि कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इस मामले पर सरपंचों का समर्थन किया है.


क्या है ई-टेंडरिंग व्यवस्था
ई-टेंडरिंग व्यवस्था के तहत ग्राम प्रधान अपने स्तर पर 2 लाख रुपये तक के विकास कार्यों की स्वीकृति दे सकते हैं लेकिन 2 लाख रुपये से ऊपर की परियोजनाओं के लिए ई-टेंडरिंग अनिवार्य है.


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