Punjab News: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) शुक्रवार को अपनी 40 दिन की पैरोल खत्म वापस सुनारिया जेल चला गया. वहीं पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में पंजाब सरकार (Punjab Government) ने एक हलफनामा दायर कर कहा कि राम रहीम को अस्थायी रिहाई देने से राज्य की कानून व्यवस्था पर असर पड़ता है.


'वो बार-बार रिहाई का हकदार नहीं' 


राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अर्पित शुक्ला (Arpit Shukla) द्वारा यह हलफनामा दायर किया गया है. पंजाब सरकार की तरफ से दायर किए गए हलफनामे में हाई कोर्ट से कहा गया है कि एक व्यक्ति जो तीन अलग-अलग जघन्य अपराधों का दोषी पाया गया है, उसे कारावास की सजा सुनाई गई है. ऐसे में वह व्यक्ति बार-बार रिहाई का हकदार नहीं है. ऐसे में राम रहीम को बिना किसी ठोस कारण जेल से अस्थायी रिहाई क्यों दी गई है. उसकी रिहाई से पंजाब की कानून व्यवस्था में गड़बड़ी पैदा होने की संभावना है.


'कई बार बनी है तनाव की स्थिति'


हलफनामे में यह भी कहा गया है कि डेरा सच्चा सौदा और राज्य के अधिकारियों के बीच संघर्ष का एक पुराना इतिहास रहा है. यही नहीं, डेरा प्रमुख के अनुयायियों ने सजा हाथापाई तक की है जिसकी वजह से कई बार तनाव की स्थिति बनी है. हलफनामे में धार्मिक समुदाय की नाराजगी के बारे में भी पंजाब सरकार की तरफ से बताया गया है कि राम-रहीम की  बार-बार अस्थायी रिहाई से एक विशेष समुदाय में भी नाराजगी है. बता दें कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति द्वारा राम रहीम को अस्थाई रिहाई देने के खिलाफ पहले ही याचिका दायर की गई थी, जिसपर 9 मार्च को सुनवाई होनी है.  


राम रहीम को हरियाणा सरकार का समर्थन


पंजाब सरकार की तरफ से कहा गया कि हरियाणा सरकार राम रहीम को समर्थन इसलिए उसे बार-बार अस्थायी रिहाई दी जाती है. पैरोल का समर्थन करते हुए हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया था कि राम रहीम कट्टर कैदी की परिभाषा के तहत नहीं आता, वो सीरियल किलर नहीं है. जिसके बाद उसे 20 जनवरी को 40 दिन की पैरोल दी गई थी. 


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