Punjab Lok Sabha Election 2024: पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर सातवें और आखिरी चरण में मतदान होगा. पंजाब में लोकसभा चुनाव से पहले सियासी रस्साकशी तेज हो गई है. शिरोमणि अकाली दल ने बीते दिनों अपने प्रत्याशियों का नाम ऐलान किया. अकाली दल ने इस बार पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा को टिकट नहीं दिया है. इसको लेकर पार्टी के कुछ नेताओं ने बुधवार (17 अप्रैल) को नाराजगी जाहिर की है.
शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेताओं ने बुधवार को एक बैठक की, जिसमें उन्होंने पार्टी के पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा को टिकट न मिलने पर नाराजगी जाहिर की. मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक, पूर्व मंत्री ढींडसा के आवास पर हुई इस बैठक में कई नेताओं की यह भी राय थी कि उनकी जगह पर पार्टी ने जिस प्रत्याशी को टिकट दिया, लोकसभा चुनाव में उसका समर्थन नहीं करना चाहिए.
ढींडसा की जगह इन्हें बनाया गया है प्रत्याशी
बीते दिनों कुछ दिनों पहले शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से 7 पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. अकाली दल संगरूर लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा का टिकट काट दिया है, उनकी जगह पर इकबाल सिंह झुंडन को प्रत्याशी बनाया है.
इकबाल सिंह झुंडन पूर्व में विधायक भी रह चुके हैं. पार्टी के इस फैसले पर अकाली दल के कई नेताओं में अंसतोष दिखाई पड़ रहा है. ढींडसा के घर पर हुई बैठक की जानकारी मिलने पर अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल बुधवार देर शाम ढींडसा परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे.
शिअद प्रमुख ने की ढींडसा परिवार से मुलाकात
इस दौरान सुखबीर सिंह बादल करीब 15 से 20 मिनट तक परमिंदर सिंह ढींडसा के आवास पर रुके. इससे पहले ढींडसा के घर हुई बैठक शिरोमणि अकाली दल के कई सीनियर नेता पहुंचे थे, जिनमें पूर्व मंत्री बलदेव सिंह मान, सरवन सिंह फिल्लौर, रिटायर्ड जस्टिस निर्मल सिंह और पूर्व विधायक गगनजीत सिंह बरनाला शामिल थे.
परमिंदर सिंह ढींडसा के परिवार की पंजाब के सियासत में अच्छी पकड़ मानी जाती है. परमिंदर सिंह ढींडसा संगरूर लोकसभा से टिकट के दावेदारों में से सबसे मजबूत उम्मीदवारों में से एक थे. वह इससे पहले सरकार में वित्त मंत्री भी रह चुके हैं. ढींडसा का टिकट कटने से उनके समर्थकों और कई सीनियर नेताओं में असंतोष देखा जा रहा है.
ढींडसा के पिता कर चुके हैं पार्टी का विलय
पंजाब की सियासत में परमिंदर सिंह ढींडसा के पिता और दिग्गज अकाली दल सुखदेव सिंह ढींडसा की मजबूत पकड़ मानी जाती है. साल 2020 में कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर शिरोमणि अकाली दल से सुखदेव सिंह ढींडसा और बेटे परमिंदर सिंह ढींडसा को निकाल दिया गया था.
इसके बाद सुखदे सिंह ने शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) नाम से एक पार्टी बनाई थी, हालांकि बीते सुखदेव सिंह ढींडसा ने शिरोमणि अकाली दल में शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) का विलय कर दिया था.