Punjab News: पंजाब सरकार में मंत्री रहे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अश्वनी सेखड़ी (Ashwani Sekhri ) ने लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. लोकसभा चुनाव से 10 माह पूर्व उन्होंने कांग्रेस (Congress) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दाम थाम लिया. वह कांग्रेस के तेजतर्रार नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot singh sidhu) के करीबी माने जाते हैं. सिद्धू ने ही सेखड़ी को साल 2022 में ​विधानसभा का टिकट दिलाया था, लेकिन वह चुनाव हर गए थे. सेखड़ी का बीजेपी से हाथ मिलाना न केवल कांग्रेस के लिए बल्कि व्यक्तिगत तौर पर नवजोत सिंह सिद्धू खेमे के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है. 


विपक्षी एकता की मुहिम में जुटे कांग्रेस को छोड़ 16 जुलाई को घोषित रूप से बीजेपी का दामन थामने की घटना के बाद से पंजाब के सियासी गलियारों में इस बात का संकेत माना जा रहा है कि आने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने कांग्रेस में सेंध लगाकर बटाला की सीट सेखड़ी की झोली में डाल दी है. दरअसल, बीजेपी को जगदीश राज साहनी के बाद बटाला की विधानसभा सीट से किसी बड़े नेता की तलाश थी. यही वजह है कि अश्वनी सेखड़ी का बीजेपी में शामिल होना लोकसभा चुनाव 2024 के लिहाज से बीजेपी की एक बहुत रणनीतिक प्लानिंग मानी जा रही है. 


वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा का लगाया आरोप


जानकारी के मुताबिक पंजाब कांग्रेस में गुटबंदी चरम पर है. पंजाब में कांग्रेस अभी कई गुटों में बंटा है. गुटबंदी की वजह से सेखड़ी खुद को पार्टी के अंदर उपेक्षित महसूस कर रहे थे. यही वजह है क पिछले एक साल से राजनीति क्षेत्र में शांत चल रहे बटाला एवं माझा के टकसाली कांग्रेसी और पंजाब कांग्रेस के 62 वर्षीय वरिष्ठ नेता अश्वनी सेखड़ी ने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया. सेखड़ी ने बीजेपी में शामिल होने का ऐलान करने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात की थी. मुलाकात के दौरान उन्होंने छह जिलों गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन,फिरोजपुर, फाजिल्का और पठनाकोट के पिछड़पन का मुद्दा उठाया. मुलाकात के बाद कांग्रेस की पंजाब इकाई की आलोचना करते हुए कहा कि वहां गिरोह काम कर रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से परामर्श लिए बिना ही निर्णय लिए जा रहे हैं. 


 3 बार विधायक रह चुके हैं सेखड़ी


अश्वनी सेखड़ी के सियासी सफर की बात करें तो उन्होंने बटाला विधानसभा सीट से पहली बार 1985 में चुनाव लड़ा था, जिसमें वह सफल रहे थे. साल 2002 और 2012 में भी बटाला सीट से दोबारा विधायक के रूप में चुने गए. 2002 में उन्हें पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री बनाया गया. साल 2009 में सेखड़ी को पंजाब प्रदेश कांग्रेसी कमेटी का प्रवक्ता नियुक्त किया गया. 2017 और 2022 में भी अश्वनी सेखड़ी ने बटाला से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन पहली बार शिरोमणि अकाली दल के लखबीर सिंह लोधीनंगल से और दूसरी बार आप प्रत्याशी से चुनाव हार गए. विधानसभा चुनाव के बाद वह कांग्रेस में अलग थलग चल रहे थे. 


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