पंजाब (Punjab) में लुधियाना (Ludhiana) की स्थानीय कोर्ट ने मंगलवार को कथित खाद्यान्न परिवहन निविदा घोटाले के सिलसिले में राज्य के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता भारत भूषण आशु (Bharat Bhushan Ashu) को 27 अगस्त तक के लिए विजिलेंस ब्यूरो (Vigilance Bureau) की हिरासत में भेज दिया. उन्हें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुमित मक्कड़ की कोर्ट के समक्ष कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया गया. इस मामले के सह आरोपी तेलुराम को भी कोर्ट ने 25 अगस्त तक के लिए हिरासत में भेज दिया है.


सुनवाई के दौरान ये नेता कोर्ट में मौजूद थे


कोर्ट में मामले पर करीब एक घंटे तक चली सुनवाई के दौरान आशु के वकील ने पूरे मुकदमे को ‘‘ झूठा और तुच्छ’’ करार दिया. उन्होंने कहा कि यह मामला स्पष्ट तौर पर ‘‘कुछ राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए राजनीतिक बदले और प्रतिद्वंदिता का है.’’


पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला, विधायक परगट सिंह और पार्टी के अन्य नेता सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में मौजूद थे. पंजाब के विजिलेंस ब्यूरो ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री आशु को सोमवार को गिरफ्तार किया था.


इन आरोपों में हुई थी गिरफ्तारी


मौजूदा समय में कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष आशु को राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान फर्जी वाहन पंजीकरण संख्या के आधार पर खाद्यान्न के परिवहन का ठेका देने और कथित घोटाला करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आशु पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दूसरे मंत्री हैं जिन्हें गिरफ्तार किया गया है. इस साल जून में राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टचार के आरोप में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता साधू सिंह धर्मसोत को भी गिरफ्तार किया था.


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