पंजाब सरकार ने MNREGA में बदलाव के खिलाफ विशेष विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला लिया गया. सरकार ने बताया कि पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र 30 दिसंबर को होगा. इसके लिए शनिवार (20 दिसंबर) को कैबिनेट मीटिंग में फैसला लिया गया.

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वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कैबिनेट मीटिंग के बाद यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार MNREGA में बदलाव करके गरीबों का हक छीन रही है. जितने बदलाव हुए हैं उन पर इस विशेष सत्र में विस्तार से चर्चा की जाएगी. 

भगवंत मान ने सत्र को लेकर दी थी यह जानकारी

मनरेगा के स्थान पर ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक’ लाए जाने के खिलाफ विपक्ष के प्रदर्शनों के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार (19 दिसंबर) को कहा था कि राज्य सरकार जनवरी के दूसरे सप्ताह में इस मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करेगी. लेकिन अब कैबिनेट मीटिंग में 30 दिसंबर को विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया गया.

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सीएम मान ने ट्वीट में क्या कहा?

मान ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ‘मनरेगा’ योजना में बदलाव करके गरीबों की आजीविका को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है. 

इस मनमानी के खिलाफ पंजाबियों की आवाज उठाने के लिए जनवरी के दूसरे सप्ताह में पंजाब विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया जाएगा.’’ विपक्ष के जोरदार विरोध के बावजूद संसद ने गुरुवार (18 दिसंबर) को ‘विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी ‘जी राम जी’ विधेयक पारित कर दिया. 

'मनेरगा' को बदलकर सरकार ने किया 'जी राम जी' बिल

यह विधेयक 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का स्थान लेगा और इसमें प्रति वर्ष 125 दिनों के ग्रामीण मजदूरी रोजगार की गारंटी दी गई है. लोकसभा में ‘जी राम जी’ विधेयक के पारित होने के कुछ घंटों बाद ही इसे गुरुवार (18 दिसंबर) की देर रात राज्यसभा ने भी ध्वनि मत से पारित कर दिया. 

इस दौरान विपक्ष ने मौजूदा योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने को लेकर कड़ा विरोध जताया और केंद्र सरकार पर राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने का आरोप लगाया