Punjab News: पंजाब सरकार ने कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बावजूद, अभी तक स्कूलों के समय में कोई बदलाव नहीं किया है. इस समय स्कूल सुबह 9 बजे खुलते हैं, जो भारी कोहरे के दौरान सबसे खतरनाक समय है. अभिभावकों और शिक्षक संगठनों ने जिला प्रशासन से जोरदार मांग की है कि स्कूल का समय बदलकर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक किया जाए. अभिभावकों का तर्क है कि छोटे बच्चों को सूरज निकलने तक घर से बाहर निकालना स्वास्थ्य के लिए खतरा है. अगर प्रशासन जल्द ही समय-सारणी बदलने का फैसला नहीं करता है तो कोहरे के कारण होने वाले सड़क हादसों का खतरा बढ़ सकता है.

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कोहरे की सफेद चादर में ढकी सड़कें

बता दें कि सारा पंजाब इन दिनों बर्फीली हवाओं और "व्हाइटआउट" (घने कोहरे) की चपेट में है. शहर की गलियां, जो कभी सुबह 7 बजे गतिविधियों से भरी होती थीं, अब कोहरे की सफेद चादर में ढकी हुई दिखाई देती हैं. हिमालयी पहाड़ों से बहने वाली बर्फीली उत्तर-पश्चिमी हवाओं ने पूरे जिले को "कोल्ड चैंबर" में बदल दिया है. सुबह, सूरज की किरणें घने कोहरे में प्रवेश करने में असफल रहती हैं, जिससे विजिबिलिटी कम हो जाती है.

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बच्चों और शिक्षकों की रोजाना जंग

शहर की व्यस्त गलियों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के खुले खेतों तक, हर तरफ एक सफेद कोहरे का राज है. इस भयानक ठंड का सबसे भयानक और चुनौतीपूर्ण प्रभाव शिक्षा क्षेत्र पर पड़ा है. जहां मासूम बच्चे भारी स्कूल बैगों के साथ हड्डियों को कंपा देने वाली ठंड में स्कूल पहुंचने के लिए मजबूर हैं, वहीं शिक्षक, जो अपनी ड्यूटी के प्रति समर्पित हैं, कोहरे को चीरते हुए अपनी मंजिलों तक पहुंचने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं. यह सिर्फ मौसम में बदलाव नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों के धैर्य की परीक्षा बन गई है.