फिल्लौर से विधायक विक्रमजीत सिंह चौधरी ने पंजाब में कांग्रेस के चीफ व्हिप पद से इस्तीफा दे दिया है. जानकारी के मुताबिक पार्टी नेताओं के बीच मतभेदों को सामने लाते हुए फिल्लौर विधायक विक्रमजीत सिंह चौधरी ने सोमवार (8 अप्रैल) को पंजाब विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि उन्होंने अभी किसी दूसरी पार्टी में जाने की बात से इनकार किया है.


बताया जा रहा है कि फिल्लौर से विधायक विक्रमजीत चौधरी ने अपना इस्तीफा सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा को भेज दिया है. विक्रमजीत चौधरी चौधरी, प्रताप सिंह बाजवा के करीबी माने जाते हैं. 


विक्रमजीत चौधरी ने क्यों दिया इस्तीफा?


द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्लौर से विधायक विक्रमजीत चौधरी का चीफ व्हिप पद से इस्तीफा जालंधर आरक्षित संसदीय सीट पर उम्मीदवारी को लेकर मतभेद के बाद हुआ है. विक्रमजीत का इस्तीफा पार्टी आलाकमान की ओर से पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की उम्मीदवारी पर विचार किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करने के बाद आया है. कहा जा रहा है कि जालंधर के पूर्व सांसद चौधरी संतोख सिंह के बेटे विक्रम जालंधर सीट पर दावा कर रहे थे. पूर्व सांसद की पत्नी करमजीत कौर ने पिछला जालंधर उपचुनाव लड़ा था लेकिन हार गई थीं.


जालंधर सीट को लेकर मतभेद?


राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पंजाब में कांग्रेस के लिए आरक्षित संसदीय क्षेत्रों फरीदकोट, जालंधर, होशियारपुर और फतेहगढ़ साहिब के लिए उम्मीदवारों का चयन करना सिरदर्द रहा है. पार्टी ने चन्नी को जालंधर सीट से मैदान में उतारने का लगभग मन बना लिया था लेकिन विक्रमजीत चौधरी ने कड़ी आपत्ति जताई.


क्या पार्टी बदलेंगे विक्रमजीत चौधरी?


कांग्रेस नेता विक्रमजीत चौधरी ने हाल ही में पूर्वी सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के पंजाब में किसी भी सीट से चुनाव लड़ने की योग्यता पर सवाल उठाया था क्योंकि वह चमकौर साहिब और भदौर क्षेत्रों से विधानसभा चुनाव हार गए थे. हालांकि विक्रमजीत चौधरी ने इस बात से इनकार किया कि वह पार्टी बदल रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं पार्टी का वफादार हूं लेकिन अपने निर्वाचन क्षेत्र में व्यस्त होने की वजह से मैंने चीफ व्हिप के पद से इस्तीफा दे दिया है.''


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