US Presidential Election 2024: पंजाब के तरनतारन के गांव पंडोरी रण सिंह से ताल्लुक रखने वाली भारतीय मूल की रिपब्लिकन नेता निक्की हेली (Nikki Haley) ने मंगलवार  (14 फरवरी) को संयुक्त राज्य अमेरिका में 2024 में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election 2024) लड़ने का एलान किया है. हालांकि, उनकी रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party)को अभी अपने उम्मीदवार पर फैसला करना है. उनके अलावा पार्टी के अन्य सदस्य और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही अपनी उम्मीदवारी का एलान कर चुके हैं.


ट्रंप की कट्टर विरोधी रही हैं निक्की हेली


अगर कोई नया दावेदार नहीं आता है तो रिपब्लिकन पार्टी को ट्रंप और निक्की में से किसी एक को चुनना होगा. बता दें कि निक्की (51) पार्टी के भीतर ट्रंप की कट्टर विरोधी रही हैं. गौरतलब है कि रिपब्लिकन पार्टी में ट्रंप की लोकप्रियता में गिरावट के साथ-साथ निक्की की लोकप्रियता भी तेजी से बढ़ी है.


निक्की जीतीं तो अमेरिका को पहली मिलेगी महिला राष्ट्रपति


वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडेन अपनी घटती लोकप्रियता के चलते चुनाव से नाम वापस ले सकते हैं, ऐसे में कमला हैरिस दावेदार डेमोक्रेटिक की ओर से दावेदारी पेश कर सकती हैं. वर्तमान में वह ड्रेमोक्रेटिक पार्टी की उपाध्यक्ष हैं. संभव है कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के 191 साल के इतिहास में दोनों दावेदार भारतीय मूल के हों. दोनों में से कोई भी जीता तो अमेरिका को पहली बार कोई महिला राष्ट्रपति मिलेगा.


पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे निक्की के पिता


निक्की के पिता अजीत सिंह रंधावा लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे और कृषि में पीएचडी पूरी करने के बाद 1960 में अमेरिका चले गए थे. उनकी माता राज कौर ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया है. 


संयुक्त राष्ट्र में राजदूत रह चुकी हैं निक्की हेली


निक्की हेली संयुक्त राष्ट्र में राजदूत और साउथ कैरोलिना की गवर्नर रह चुकी हैं. निक्की का जन्म 1972 में यूएसए में हुआ था. उनका असली नाम निम्रता रंधावा है. उनके पिता अजीत सिंह रंधावा और मां राज कौर तरनतारन से अमेरिका में बस गए थे. उनके नाना अमृतसर में रहते हैं. निक्की हेली के दो भाई और एक बहन हैं. निक्की ने राजनीति में आने से पहले कॉर्पोरेट जगत में अपना नाम बनाया.


2004 में बनी नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ वीमेन बिज़नेस ऑनर की अध्यक्ष


पारिवारिक कंपनियों को चलाने के बाद वह 1998 में ऑरेंजबर्ग काउंटी चैंबर ऑफ कॉमर्स के निदेशक मंडल में शामिल हुईं. 2004 में वह बिजनेस ऑनर में नेशनल एसोसिएशन ऑफ वीमेन की अध्यक्ष बनीं और सामाजिक कार्यों में हिस्सा लिया. सामाजिक कार्यों ने उनका राजनीति में मार्ग प्रशस्त किया. उनके नाम अमेरिका में सबसे कम उम्र (37 साल) के गवर्नर बनने का रिकॉर्ड है.


रिपोर्टर- रजनीश कौर रंधावा


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