Punjab News: पंजाब के आनंदपुर साहिब से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार पर एक बड़ा आरोप है. सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब की जनता के साथ भेदभाव करते अडानी को लाभ पहुंचा रही है. संसद के शून्यकाल के दौरान तिवारी ने दावा करते हुए कहा कि पंजाब सरकार को कोल्डफील्ड से खरीदा जाने वाला कोयला सीधा नहीं लाकर उसे लंबे मार्ग से लाने का निर्देश देकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय अडानी समूह (Adani Group) को फायदा पहुंचा रहा है. 


‘पहले सीधा पंजाब आता था कोयला’
संसद के शून्यकाल के दौरान सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि पंजाब बिजली पैदा करने के लिए महानदी कोलफील्ड्स से कोयला लेता है. तिवारी ने कहा कि अगर कोयला रेल मार्ग से सीधा पंजाब लाया जाता है तो 1830 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है. वही केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 30 नवंबर 2022 को पंजाब सरकार को एक पत्र लिखा था. जिसमें महानदी कोलफील्ड्स से कोयला सीधा ना लाकर उसे पारादीप पोर्ट पर ले जाकर उसे जलमार्ग से श्रीलंका से होते हुए गुजरात के दहेज और मुंदरा में अडानी के बंदरगाहों पर पहुंचाने का आदेश दिया था. इसके बाद 1500 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए इस पंजाब तक लाने का आदेश दिया गया था.


‘अदाणी को पहुंचाया फायदा’
शून्यकाल के दौरान सांसद मनीष तिवारी ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय पर आरोप लगाते हुए कहा कि अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए सीधे तौर पर पंजाब के लोगों और पंजाब सरकार से पक्षपात किया गया है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के इस आदेश के बाद कोयले के परिवहन की लागत जो पहले 4350 रुपये प्रति टन थी वो अब बढ़कर 6750 रुपये प्रति टन पहुंच चुकी है. इसी वजह से बिजली की एक यूनिट का खर्च जो पहले 3.60 रुपए आता था वो अब 5 रुपए पहुंच गया है. तिवारी ने कहा कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा अपने आदेश को वापस लिया जाए. 


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