Punjab Lok Sabha Elections 2024: पंजाबी सिंगर और उत्तर पश्चिम दिल्ली से सांसद हंसराज हंस दिल्ली से दोबारा टिकट न मिलने पर निराश हुए थे, लेकिन बीजेपी इसकी भरपाई कर दी है. बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति ने हंसराज हंस को इस बार पंजाब के फरीदकोर्ट से पार्टी का प्रत्याशी बनाया है. पार्टी की ओर से शनिवार को जारी आठवीं सूची में उनका नाम शामिल है. 


फरीदकोट लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी बनाए जाने पर हंसराज हंस ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा, "पार्टी द्वारा मुझ पर भरोसा जताकर फरीदकोट लोकसभा से टिकट देने के लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, गृह मंत्री श्री अमित शाह जी, पार्टी अध्यक्ष श्री जय प्रकाश नड्डा जी और पंजाब अध्यक्ष श्री सुनील जाखड़ जी का बहुत आभारी हूं."






दरअसल, इस बार बीजेपी ने दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर सात में से छह सिटिंग सांसदों को टिकट नहीं दिया है. उनके बदले नये प्रत्याशियों पर पार्टी ने दांव खेला है. सिर्फ उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी को तीसरी बार लगातार दिल्ली से टिकट दिया है. उन्हें उत्तर पूर्व दिल्ली से एक बार फिर चुनाव लड़ने के प्रत्याशी बनाया है. माना जा रहा है कि उन्हें पूर्वांचल के मतदाताओं को ध्यान रखते हुए पार्टी से फिर से प्रत्याशी बनाने का फैसला लिया.


इस बार दिल्ली में पार्टी ने हंसराज हंस का टिकट काटकर उत्तर पश्चिम दिल्ली से योगेन्द्र चंदोलिया को उम्मीदवार बनाया है.  


बीजेपी ने पंजाब में इन्हें बनाया प्रत्याशी


पंजाब से कुल 13 सांसद हैं, जिनमें में से बीजेपी से आठवीं सूची में छह प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है. इस सूची के मुताबिक हंसराज हंस को फरीदकोट लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है. उन्होंने भरोसा जताया है कि वो इस सीट पर चुनावी जीत हासिल करेंगे. इसके अलावा, गुरुदासपुर सीट से सनी देओल का टिकट काटकर बीजेपी ने यहां से दिनेश सिंह बब्बू को प्रत्याशी बनाया है.


हाल ही में आम आदमी पार्टी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सुशील कुमार रिंकू और कांग्रेस से आए रवनीत सिंह बिट्टू को क्रमशा जालंधर और लुधियाना से टिकट दिया है. हाल ही में बीजेपी में शामिल हुईं पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर पर बीजेपी ने पटियाला सीट से टिकट दिया है.


2019 में बीजेपी दो सीटों पर जीत हासिल की थी


बता दें कि साल 2019 लोकसभा चुनाव में पंजाब में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उस समय कांग्रेस पंजाब में सत्ताधारी पार्टी थी. कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के सीएम थे. कांग्रेस को लोकसभा की 13 सीटों में से आठ पर जीत हासिल हुई थी. शिरोमणी अकाली दल को दो और बीजेपी को भी दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी. आम आदमी पार्टी का पंजाब में खाता खुला था और उसने एक सीट पर जीत दर्ज की थी.


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