Punjab News: श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को बदलने की चर्चाएं अब पंजाब में तूल पकड़ती जा रही है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने 20 मई को आंतरिक कमेटी की एक बैठक बुलाई है. बैठक की अध्यक्षता शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी करने वाले है. ‘एबीपी सांझा’ की एक खबर के अनुसार, इस बैठक में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को लेकर बड़ा फैसला किया जा सकता है. 


राघव चड्ढा के सगाई के बाद निशाने पर जत्थेदार


आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की सगाई के बाद जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह चर्चा में आ गए हैं. शोमानी अकाली दल ने भी इसका विरोध किया था. यह भी कहा जा रहा है कि राघव चड्ढा की सगाई ने शिरोमणि अकाली दल और जत्थेदार के बीच 'टकराव' को और हवा दे दी है.


अकाली दल से जत्थेदार के संबंधों में आई खटास


श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह और शिरोमणि अकाली दल के बीच पिछले एक साल से सब ठीक नहीं चल रहा है. जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अकाली दल को सरेआम पूंजीपतियों की पार्टी बताया था. इतना ही नहीं जत्थेदार और अकाली दल के बीच कुछ समय से रंजिश चल रही थी. जत्थेदार अक्सर अकाली दल की कमजोरी की बात करते रहे हैं. इतना ही नहीं एक बार जत्थेदार ने अकाली दल को मजबूत करने की सलाह भी दी थी.


2018 में जत्थेदार बने थे ज्ञानी हरप्रीत सिंह


आपको बता दें कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक की आंतरिक कमेटी ने साल 2018 में श्री अकाल तख्त साहिब का कार्यवाहक जत्थेदार नियुक्त किया था. इससे पहले जत्थेदार गुरबचन सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर ज्ञानी हरप्रीत सिंह को जत्थेदार नियुक्त किया गया था. गुरुद्वारा सुधार आंदोलन के बाद गुरमत के सिद्धांतों के अनुसार गुरुद्वारों के प्रबंधन के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की स्थापना की गई थी. उसके बाद से समिति द्वारा ही अकाल तख्त के जत्थेदार की नियुक्ति की जाती है.


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