Himachal Rain News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं में एक ही परिवार के आठ सदस्यों समेत 22 लोगों की मौत हो गई जबकि छह अन्य लोगों की जीवित नहीं होने की आशंका है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने शनिवार को बताया कि 10 अन्य लोग घायल हो गए हैं. मोख्ता ने कहा कि भारी बारिश के कारण सबसे ज्यादा नुकसान मंडी, कांगड़ा और चंबा जिले में हुआ है. उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान मौसम संबंधी 36 घटनाएं दर्ज की गई हैं.


बारिश के बाद मची जबरदस्त तबाही


उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया कि अकेले मंडी जिले में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 13 लोगों की मौत हो गई और पांच लापता हो गए. उन्होंने बताया कि गोहर विकास खंड के काशान गांव में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और पुलिस द्वारा चार घंटे तक चलाये गये तलाशी अभियान के बाद एक परिवार के आठ सदस्यों के शव उनके घर के मलबे से निकाले गए. उन्होंने बताया कि यह मकान भूस्खलन में ढह गया था. उपायुक्त के मुताबिक, मंडी में शुक्रवार रात मंडी-कटोला-पराशर मार्ग पर बाघी नाले में एक लड़की का शव उसके घर से करीब आधा किलोमीटर दूर बरामद किया गया. उन्होंने बताया कि बाढ़ में लड़की के परिवार के पांच सदस्यों के भी बह जाने की सूचना है. उन्होंने कहा कि बादल फटने के बाद कई परिवारों ने बागी और पुराने कटोला क्षेत्रों के बीच स्थित अपने घरों को छोड़कर अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है.


मोख्ता ने बताया कि शिमला के थियोग में वाहन पर पत्थर गिर जाने से दो लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए. मोख्ता ने बताया कि चंबा के चौवारी के बनेत गांव में तड़के करीब साढ़े चार बजे भूस्खलन के बाद मकान ढहने से से तीन लोगों की मौत हो गयी. अधिकारियों ने कहा कि कांगड़ा में एक 'कच्चा' घर ढह गया, जिसमें नौ साल के बच्चे की मौत हो गई.


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भारी बारिश के बाद चक्की पुल ढहा


इस बीच, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में शनिवार को चक्की पुल ढह जाने के बाद पठानकोट और जोगिंदरनगर के बीच रेल सेवा निलंबित कर दी गईं हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे अधिकारियों ने पुल को असुरक्षित घोषित कर रखा था और पंजाब के पठानकोट से हिमाचल प्रदेश के जोगिंदरनगर तक 'नैरो गेज ट्रैक' पर ट्रेन सेवा को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि हमीरपुर में अचानक आई बाढ़ में फंसे 30 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.


मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोगों की मृत्यु पर दुख व्यक्त किया और कहा कि प्रशासन प्रभावित जिलों में युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रहा है. हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मुख्य अभियंता ने कहा कि मंडी में मनाली-चंडीगढ़ राजमार्ग और शोघी में शिमला-चंडीगढ़ राजमार्ग सहित 743 सड़कों को जलभराव के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि शनिवार को 407 मार्ग पर यातायात को बहाल कर दिया जाएगा और रविवार तक 268 सड़कों पर से मलबा साफ कर दिया जाएगा.


राज्य के कई हिस्सों में पानी और बिजली की आपूर्ति ठप


पुलिस ने बताया कि शोघी और तारा देवी के बीच सोनू बांग्ला में भूस्खलन के बाद चंडीगढ़-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हो गया. उन्होंने कहा कि पत्थर अब भी गिर रहे हैं और शोघी-मेहली बाईपास से यातायात को परिवर्तित किया गया है. इस बीच, राज्य के कई हिस्सों में पानी और बिजली की आपूर्ति ठप हो गई है. यहां एक बैठक में राज्य के मुख्य सचिव आर.डी. धीमान ने संबंधित विभागों को सड़कों पर से मलबा साफ करने का निर्देश दिया ताकि बुनियादी जरूरतों की आपूर्ति बाधित न हो. उन्होंने भारी बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए वीडियोग्राफी कराने और प्रभावित लोगों को आश्रय देने के भी आदेश दिए. प्रमुख सचिव (राजस्व) ने मुख्य सचिव को बताया कि राज्य आपदा मोचन कोष से जिलों को 232.31 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं और राहत एवं पुनर्वास कार्य के लिए सभी जिलों के पास पर्याप्त राशि उपलब्ध है.


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