Haryana News: डेरा सच्चा सौदा चीफ गुरमीत राह रहीम सिंह (Gurmeet Ram Rahim Singh) को बार बार दी जा रही पैरोल पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. कोर्ट ने कहा कि भविष्य में बिना अदालत की इजाजत के राम रहीम को पैरोल (Parole) ना दी जाए. कोर्ट ने साथ ही कहा कि जिस दिन पैरोल की अवधि खत्म हो रही है उसी दिन राम रहीम सरेंडर करे. बता दें कि राम रहीम की पैरोल 10 मार्च को खत्म हो रही है. 


हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कड़े लहजे में कहा कि वह बताया एक कि डेरा चीफ की तरह और कितने कैदियों को इसी तरह पैरोल दी गई है. हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को मामले में अगली सुनवाई पर पूरी जानकारी पेश करने के आदेश दिए हैं. दरअसल, एसजीपीसी ने राम रहीम को दी गई पैरोल के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसके अलावा भी कई और याचिकाएं प्राप्त हुई थीं. उसपर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को आदेश दिए हैं. 


चार साल में नौ बार मिली पैरोल
उधर, एसजीपीसी का कहना है कि डेरा प्रमुख के खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज हैं और इनमें उसे दोषी करार दिए जाने के बाद सजा भी सुनाई जा चुकी है. बावजूद इसके हरियाणा सरकार डेरा मुखी को पैरोल दे रही है जो पूरी तरह से गलत है. लिहाजा डेरा मुखी को दी गई पैरोल को रद्द की जाए. बता दें कि डेरा प्रमुख को बीते चार साल में नौ बार पैरोल मिल चुकी है. राम रहीम को अब तक अक्टबूर 2020, मई 2021, फरवरी 2022, जून 2022, अक्टूबर 2022, जनवरी 2023, जुलाई 2023, नवंबर 2023 और जनवरी 2024 में पैरोल दी गई है.


 इस मामले में मिली है सजा
राम रहीम को संगीन अपराध में दोषी करार दिया गया है. राम रहीम पर महिला अनुयायियों के साथ रेप करने के आरोप लगे थे और 2017 में उसे 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. जबकि साल 2019 में उसे कर्मचारी रणजीत सिंह की हत्या के मामले आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा डेरा प्रमुख को एक पत्रकार की हत्या का भी दोषी पाया गया था. इस मामले में उसे 2021 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. 


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