Haryana News: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hooda) की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही है. उनके शासनकाल में हुए वृद्धा पेंशन घोटाले (Old Age Pension Scam) की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) करने वाली है.


राज्य के इस पेंशन घोटाले का खुलासा 2011 जारी हुई कैग की रिपोर्ट में हो चुका है. कैग की रिपोर्ट में इस करोड़ों रुपए का घोटाला बताया गया है. इस रिपोर्ट के जरिए खुलासा हुआ था कि प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन के नाम पर 40 साल से कम के उम्र के लोगों को भी इसका पात्र बनाया गया था. यही नहीं, मृत लोगों को भी वृद्धावस्था पेंशन बांटी जा रही थी. 


2017 में लगाई गई थी याचिका


कैग की रिपोर्ट में वृद्धा पेंशन में घोटाले को लेकर जांच के लिए 2017 में कुरुक्षेत्र के राकेश बैंस ने एक याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया था कि पूरे हरियाणा में मृत लोगों के नाम पर पेंशन हड़पी गई. योग्य ना होने पर भी पेंशन दी गई. इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए. इस मामले में कैग की रिपोर्ट पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो शिकायतकर्ता ने मामले की सीबीआई जांच के लिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई. हाई कोर्ट ने फरवरी में हुई सुनवाई के दौरान विजिलेंस ब्यूरो और सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट से 2011 से अभी तक हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी. हाई कोर्ट ने कहा कि उन अधिकारियों की जानकारी दी जाए तो उस संबंधित विभागों में तैनात थे, जब ये घोटाला हुआ.


CBI के पास सिर्फ 8 हफ्ते का समय


वहीं गुरुवार को एंटी करप्शन ब्यूरो और सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट की ओर एक एफिडेविट हाई कोर्ट में पेश किया गया था. इस एफिडेविट में कहा गया कि अभी तक उनकी तरफ से सिर्फ 7 करोड़ की रिकवरी की गई है. याचिकाकर्त्ता राकेश बैंस ने कोर्ट को बताया कि अभी तक इस मामले में अभी तक कोई भी एफआईआर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दर्ज नहीं की गई है. जिसके बाद हाई कोर्ट ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी. मामले में जांच के सीबीआई को 8 सप्ताह का समय दिया गया है. 


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