Haryana News: हरियाणा के नूंह (Nuh) हिंसा में सरकार की कार्यशैली से नाराज बजरंग दल के पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है. ये पदाधिकारी नूंह में हुई हिंसा पर सवाल भी खड़े किए हैं. बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने सरकार के सामने मोनू मानेसर को रिहा करने और कांग्रेस विधायक मामन खान को गिरफ्तार करने समेत 6 मांगे रखी हैं और मांगे पूरी नहीं होने तक बल उपासना केंद्र और मिलन केंद्रों का संचालन नहीं करने की बात कही है.


बता दें कि, रोहतक विभाग संयोजक नीरज वत्स ने अपनी पूरी टीम के साथ बजरंग दल के पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने नूंह में हुई हिंसा पर सरकार की नाकामी पर भी सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार हिंदू धर्म को मुद्दा बनाकर सत्ता में आई थी और आज वह सत्ता पर काबिज रहने के लिए तमाम तरह के समझौते कर रही है. उन्होंने मोनू मानेसर की गिरफ्तारी को भी गलत ठहराया है. उनका कहना है कि जल्द से जल्द सरकार को मोनू मानेसर को रिहा करना चाहिए और कांग्रेस विधायक ममन खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए.


1 करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग


उन्होंने हिंसा के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मियों और मारे गए आम लोगों को एक एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की है. उन्होंने घायलों को उचित इलाज मुहैया करवाने और घायलों का मुआवजा देने की भी मांग की है. इसके साथ ही हिंसा के पीड़ित बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने की मांग भी की गई है. बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मांगे पूरी नहीं होने तक बजरंग दल के बल उपासना केंद्र और मिलन केंद्रों पर कार्यक्रमों का संचालन नहीं करने का भी ऐलान किया है. बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा तो खोल दिया है.



यह भी पढ़ें: Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस सांसद की दो टूक, 'जिसे AAP से समझौता मंजूर नहीं वो इस्तीफा दे दे'