Haryana News: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम के मानेसर के सेक्टर एक से मोहित उर्फ मोनू मानेसर को नूंह पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिसे बाद में राजस्थान पुलिस को सौंप दिया गया. वहीं अब मानेसर के ग्रामीण मोनू मानेसर के पक्ष में खड़े हो गए है. ग्रामीणों का कहना है कि मोनू मानेसर को बचाने के लिए वो उच्च न्यायालय तक जाएंगे.


ग्रामीणों ने आंदोलन छेड़ने की दी चेतावनी  
गुरुग्राम के बहुचर्चित गौ रक्षक मोहित उर्फ मोनू मानेसर की गिरफ्तारी के बाद अब गुरुग्राम सहित आसपास के क्षेत्रों में माहौल गर्म होता नजर आ रहा है. पुलिस की इस कार्रवाई से जहां लोगों में रोष है वहीं, इस मामले में विधायक मामन खान सहित आफताब अहमद और आम आदमी पार्टी के नेता जावेद की भी गिरफ्तारी की आवाज अब तेजी से उठने लगी है. ग्रामीणों ने मानेसर के बाबा भीष्म दास मंदिर में हुई पंचायत में यह फैसला लिया कि यदि पुलिस ने जल्द ही इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो एक बड़ा आंदोलन छेड़ दिया जाएगा. 


मोनू की गिरफ्तारी राजनीतिक षड़यंत्र 
ग्रामीणों का कहना है कि मोनू की गिरफ्तारी एक राजनीतिक षड़यंत्र है. मोनू को हरियाणा और राजस्थान सरकार मिलकर एक विशेष वर्ग को फायदा पहुंचाने के लिए मोहरा बना रही हैं. ग्रामीणों ने साफ कर दिया कि अगर मोनू के साथ कुछ गलत हुआ तो वह चुप नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा कि मोनू को बचाने के लिए वह उच्च न्यायालय की कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए लड़ाई लड़ेंगे. फिलहाल मोहित उर्फ मोनू मानेसर राजस्थान पुलिस की गिरफ्त में है. 


कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी ना होने पर उठाए सवाल


मानेसर के भीष्म मंदिर में आयोजित पंचायत में ग्रामीणों ने कहा कि पहले तो डीजीपी राजस्थान ने कहा था कि मोनू की नासिर और जुनैद हत्याकांड में कोई संलिप्तता नहीं पाई गई, लेकिन बाद में उसे अचानक गिरफ्तार किया जाना बेहद गंभीर है. यह राजनीति से प्रेरित होकर एक षड़यंत्र रचा गया है. ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मोनू मानेसर की गिरफ्तारी में पुलिस ने जितनी तत्परता दिखाई है अगर उतनी तत्परता उन आरोपियों को गिरफ्तार करने में दिखाती तो ज्यादा बेहतर होता. उन्होंने कहा कि पुलिस ने बजरंग दल के संयोजक प्रदीप की हत्या में आम आदमी पार्टी के नेता जावेद को नामजद किया था, लेकिन आज तक उसे गिरफ्तार नहीं किया गया. विधानसभा में अपने भाषण में विधायक मामन खान ने खुलेआम धमकी देते हुए कहा था कि बजरंग दल वाले अगर मेवात में आएंगे तो उन्हें प्याज की तरह फोड़ दिया जाएगा. इस मामले में भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि विधायक मामन खान को कोर्ट जाने का मौका भी दे दिया. वहीं, 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा में विधायक की संलिप्तता सामने आई थी, लेकिन इस पर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में साफ है कि पुलिस एक तरफा कार्रवाई दबाव में आकर कर रही है। जिससे मानेसर और आसपास के ग्रामीण बेहद नाराज हैं.  


हो सकता है बड़ा आंदोलन
ग्रामीणों ने मानेसर में पंचायत के बाद स्पष्ट कर दिया है कि यदि पुलिस ने जल्द ही विधायक मामन खान, आफताब अहमद और आम आदमी पार्टी के नेता जावेद को जल्द गिरफ्तार नहीं किया तो वह सड़कों पर उतरने से पीछे नहीं हटेंगे और हो सकता है ये एक बड़े आंदोलन का रूप ले ले. 


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