Diwali 2023: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम में पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए बिजली विभाग ने धुंआ रहित और प्रदूषण रहित दिवाली मनाने का सोमवार (6 नवंबर) को वादा किया है. दिवाली के पावन त्यौहार की सभी को बधाई देते हुए परम्परा और पर्यावरण में संतुलन बनाते हुए स्वच्छ और प्रदूषण रहित दिवाली मनाने और बिजली बचाने की अपील की है. वर्तमान वातावरण में प्रदूषण को देखते हुए सभी पर्यावरण संतुलन के लिए धुआं और धमाका मुक्त, पटाखों से मुक्त दिवाली मनायें. बिजली की बचत के लिए अपने घरों पर लगने वाली लाइटों का कम से कम प्रयोग करें.


ऊर्जा समिति के महासचिव संजय कुमार चुघ ने बताया कि इस समय एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) प्रदूषित स्तर पर है और इन दिनों हवा बहुत जहरीले हो गई है. बमों और पटाखों से त्यौहार मनाना कोई आवश्यक नहीं हैं, अपनी खुशी का इजहार तो मिठाई, उपहारों, रंगोली और मिट्टी के दीयों के साथ, दूसरों में खुशियां और प्यार बांटकर कर सकते हैं. त्योहार का सही आनंद तो परम्परा और पर्यावरण में संतुलन रखते हुए स्वच्छ और प्रदूषण रहित वातावरण में ही आएगा.


दिवाली पर कम करें बिजली की खपत


इसके साथ-साथ संजय कुमार ने कहा की पर्यावरण संतुलन के मद्देनजर हमें मिलजुलकर ही हर प्राणी के स्वास्थ्य हित में कार्य करना है. उन्होंने बताया कि लोग अपने घरों को दीयों से सजाएं और 100, 200 और 500 वाट के बड़े बल्बों और फोकस लाइटों के स्थान पर 3, 6, 8, 9, 12 और 18 वाट की एलईडी और स्लिम लाइटों का इस्तेमाल करें. सोते समय वे भी बंद कर सकते हैं. इससे बिजली की खपत कम होगी और पर्यावरण संतुलित होगा. ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन है इसलिए बचत को साधन बना कर ऊर्जा की मांग और आपूर्ति में समन्वय स्थापित किया जा सकता है.


दिवाली पर बिजली की करें बचत


संजय कुमार ने कहा की दीवाली जैसे त्योहारों के अवसर पर बिजली की बढ़ती मांग के मद्देनजर बचत करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है. बडी-बडी और ज्यादा वाट की लाइटों का इस्तेमाल न करें, बिजली को नियंत्रित करके एवं समझदारी से इस्तेमाल करके हम अपने खर्च के साथ-साथ देशहित में बिजली बचत कर सकते हैं. ऊर्जा समिति के महासचिव ने सतर्क किया कि वायु प्रदूषण से स्किन और दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा रहता है. इसके अलावा डायबिटीज, अल्जाइमर और लगातार सिर दर्द हो सकता है. छोटे बच्चों के दिमागी विकास पर बुरा असर पड़ता है, उनकी मानसिक शक्ति कम होने लगती है. धुएं से दमा, ब्रोंकाइटिस जैसी अन्य अनेक बीमारियां पैदा होती है. पटाखे फोड़ने से प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है जोकि बहुत हानिकारक है. इससे आप और हम सब मिलकर ही छुटकारा पा सकते हैं.


वातावरण को प्रदूषण रहित बनाकर मनाए दिवाली


उन्होंने बताया कि लोग अपने रुपयों की बचत करके शांति और सौहार्द भरे माहौल में दीवाली मनाएं. अपनी ऊर्जा को बचाकर प्रदूषण मुक्त वातावरण रखने में सहयोग दें. हम वातावरण को सुंदर बनाकर इस दिवाली की खुशियां औरों में भी बांट सकते हैं. स्वयं धुआं और धमाका मुक्त त्यौहार मनाने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी इसकी प्रेरणा दें. उन्होंने सभी से आगामी रविवार 12 नवंबर दिवाली तक इस संबंध में लोगों को जागरूक करते रहने तथा इस धारणा को जीवन में अपनाने का आह्वान किया. लोगों को अपने दायित्वों के प्रति जागृत रहने एवं धुआं और धमाका मुक्त दीवाली मनाने की अपील की. (राजेश यादव की रिपोर्ट)


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