Delhi Farmers Protest: किसान आंदोलन का शुक्रवार को 11वां दिन है. पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर किसान डटे हुए है. इस बीच अंबाला रेंज के आईजीपी सिबाश कबिराज का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि सभी संबंधितों को यह स्पष्ट किया जाता है कि जिला अंबाला के कुछ फार्म यूनियन नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा.


हरियाणा पुलिस प्रदर्शनकारियों और उनके नेताओं से शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपील करती है.


अंबाला एएसपी पूजा डाबला का भी आया बयान
वहीं अंबाला एएसपी पूजा डाबला ने कहा कि एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि अभी हम इसके किसी भी प्रावधान को लागू नहीं कर रहे हैं. एनएसए के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि मैं किसानों से अपील करती हूं कि वे कानून-व्यवस्था अपने हाथ में ना लें. शांति बनाए रखें. अगर कानून-व्यवस्था कायम रहेगी तो हम किसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे.



शुभकरण की मौत के विरोध में ब्लैक डे मना रहे किसान
वहीं खनौरी बॉर्डर पर 21 वर्षीय युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत के विरोध में आज किसान देशभर में ब्लैक डे मना रहे है. इससे पहले गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा की करीब 4 घंटे तक बैठक चली. जिसमें 100 से ज्यादा किसान संगठनों ने हिस्सा लिया. बैठक में 26 मार्च को देशभर में ट्रैक्टर मार्च और 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करने पर सहमति जताई. 


शुभकरण सिंह के परिवार को मुआवजे का एलान
शुभकरण सिंह के परिवार को आर्थिक सहायता देने का एलान किया गया. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने लिखा कि खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरन सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी. दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 


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