Punjab News: पंजाब सरकार का बिजली विभाग इन दिनों पैसों की कमी से जूझ रहा है. हर दिन 54 करोड़ रुपये की सब्सिडी के कारण धन की कमी होती जा रही है. बिजली विभाग की स्थिति को देखकर पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के एक कर्मचारी ने अपनी सब्सिडी छोड़ने का फैसला किया है. जिसके लिए उसने पीएसपीसीएल के चेयरपर्सन को पत्र लिखा है और कहा है कि उनकी पत्नी के नाम पर दो बिजली मीटर लगे हुए है, दोनों का बिल जीरो आ रहा है लेकिन वो इसका भुगतान करना चाहते है क्योंकि वो बिजली विभाग के लोन से चिंतित है. 


खरीदनी भी पड़ सकती है बिजली
पीएसपीसीएल पटियाला डिवीजन के चीफ इंजीनियर के निजी सचिव करमजीत सिंह ने यह पत्र लिखकर भुगतान करने की बात कही है. पत्र में लिखा गया है कि उनके वेतन से हर महीने 5 हजार रुपए काट लिए जाए. ताकि वो बिजली विभाग के आर्थिक संकट के समय अपनी तरफ से कुछ योगदान कर सके. करमजीत सिंह ने आगे लिखा कि जनवरी माह में उनके दोनों मीटरों का शून्य आया है. लेकिन मैं बिल का भुगतान करने में सक्षम हूं. धन की कमी से जूझ रहे विभाग में आने वाले दिनों में कुछ चीजें खराब हो सकती है, गर्मियों में और धान रोपाई के मौसम में जब ज्यादा बिजली की जरूरत पड़ेगी तब हो सकता है बिजली खरीदनी भी पड़े. 


मुफ्त बिजली से बढ़ता गया भार
जुलाई से लेकर जनवरी तक सात महीनों के लिए मुफ्त 300 यूनिट के लिए पीएसपीसीएल का सब्सिडी बिल 3433 करोड़ रुपये है. जुलाई में 62 प्रतिशत उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली का लाभ दिया गया था जो कि 82.47 करोड़ रुपये था, वही अगस्त में 67 प्रतिशत उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली का लाभ दिया गया तो यह 638.76 करोड़ रुपये हो गया. सितंबर में 70 प्रतिशत आबादी मुफ्त बिजली का लाभ दिया गया तो यह 732.27 करोड़ रुपये हो गया, अक्टूबर में 76 प्रतिशत लोगों को बिजली का लाभ दिया गया तो 686.98 करोड़ रुपये हो गया, वही नवंबर में 86 प्रतिशत आबादी के लिए मुफ्त बिजली की लागत 522 करोड़ रुपए आई, तो दिसंबर और जनवरी में 388 रुपए और 381 करोड़ रुपए थी. सब्सिडी की वजह से बिजली विभाग पर भार बढ़ता जा रहा है. पीएसपीसीएल को अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए 500 करोड़ रुपये उधार लेने पड़े है.


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