Punjab: शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की नशा तस्करी केस में मुश्किलें और बढ़ने वाली है. 2 दिन पहले मजीठिया को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. वहीं अब पटियाला रेंज के नए डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर की अगुवाई में एसआईटी जांच करेगी. इस एसआईटी में पटियाला के एसएसपी वरुण शर्मा और धुरी के एसपी योगेश शर्मा को भी शामिल किया गया है. 20 अगस्त 2021 को क्राइम ब्रांच ने बिक्रम सिंह मजीठिया पर नशा तस्करी का केस दर्ज किया था.


गौरतलब है कि एडीजीपी मुखविंदर सिंह छीन्ना को पहले एसआईटी की कमान सौंपी गई थी. लेकिन, उनके रिटायर होने के बाद अब डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को एसआईटी की कमान सौंपी गई है. छीन्ना के 8 महीने तक एसआईटी प्रमुख रहने के दौरान बिक्रम सिंह मजीठिया को 11 दिसंबर को समन भेजकर 18 दिसंबर को तलब किया था. इसके बाद 30 दिसंबर को मजीठिया से लगभग 4 घंटे तक पूछताछ की गई थी.


नशा तस्करी केस से कैसे जुड़ा मजीठिया का नाम?


बता दें कि साल 2013 में पहलवान जगदीश सिंह भोला को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पहलवान भोला पर छह हजार करोड़ की ड्रग तस्करी केस दर्ज था. उस समय पंजाब में शिरोमणि अकाली दल की सरकार थी. जगदीश सिंह भोला कोर्ट में पेश किया गया तो उसने मोहाली कोर्ट में बिक्रम सिंह मजीठिया पर कई आरोप लगाए थे. प्रदेश में अकाली दल की ही सरकार होने के चलते उस समय तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन साल 2017 में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार बनी तो एडीजीपी हरप्रीत सिंह सिद्धू की अगुवाई में एसटीएफ बनाई थी, जिसने मामले में मजीठिया का नाम शामिल होने का दावा किया. लेकिन, तब तक भी उनपर कोई केस दर्ज नहीं किया गया था. जब साल 2022 में चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री बने तो उस दौरान मजीठिया पर केस दर्ज किया गया.


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