Chandigarh News: आम आदमी पार्टी (AAP) के तीन पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने पर चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर सनी सिंह अहलूवालिया (Sunny Singh Ahluwalia) ने बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा है. सनी सिंह अहलूवालिया कहा कि बीजेपी की यह साजिश बहुत पहले से चल रही है.


सनी सिंह अहलूवालिया कहा कि पहले 18 जनवरी को चुनाव पोस्टपोन कर दिया जाता है, फिर 30 जनवरी को रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह धांधली करके वोटों का इनवैलिड कर देते हैं. इसके बाद जब हम सुप्रीम कोर्ट जाते हैं, तो इन्हें समय मिल जाता और ये उसी समय 'ऑपरेशन लोटस' लॉन्च कर देते हैं. आज से तीन दिन पहले जो पार्षद बीजेपी के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे थे, लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे थे, उन्हीं को इन लोगों ने डरा कर धमका कर या खरीद फरोख्त करके अपनी पार्टी में शामिल किया है.






ये तीन पार्षद बीजेपी में शामिल
दरअसल आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के तीन पार्षदों ने पाला बदलते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण सूद ने कहा कि आप के तीन पार्षद नेहा, पूनम और गुरुचरण काला पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हुए. बता दें बीजेपी ने 30 जनवरी को मेयर पद के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल की थी, जिससे आप और कांग्रेस के गठबंधन को झटका लगा था. रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर मत पत्रों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया था.


मनोज सेनकर पर लगा था ये आरोप
मनोज सोनकर ने मेयर पद के लिए हुए चुनाव में 'आप' के कुलदीप कुमार को मात दी थी. मनोज सोनकर को 16, जबकि कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले थे. इसके साथ ही आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से कुछ दिन पहले ही बीजेपी ने अनिल मसीह को अल्पसंख्यक विंग के महासचिव पद से हटा दिया था. अब आप के तीन पार्षदों के पाला बदलने से यह तय है कि जब भी मेयर के नए चुनाव होंगे तो पलड़ा बीजेपी के पक्ष में झुक जाएगा. 


इससे पहले, 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी के 14 पार्षद थे और आप के 13 पार्षद थे. आप को तीन पार्षदों के बीजेपी में जाने के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के पास 17 पार्षद बच गए हैं, जबकि बीजेपी के पास सांसद और अकाली दल का वोट मिलाकर 19 हो गए हैं. चंडीगढ़ कॉरपोरेशन में कुल 35 पार्षद हैं, जबकि एक वोट सांसद का होता है.




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