पंजाब विधानसभा में शुक्रवार (26 सितंबर) को सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के विधायकों ने ही प्रदर्शन किया, जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए रोकनी पड़ी. दअरसल विधानसभा का ये विशेष सत्र राज्य में बाढ़ राहत कार्यों को लेकर बुलाया गया है. सदन की कार्यवाही के शुरू होते से ही केंद्र सरकार के खिलाफ AAP ने आक्रामक रुख अपनाया. पार्टी के विधायकों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पर्याप्त बाढ़ राहत राशि पंजाब को नहीं दी है.
पंजाब के सिंचाई मंत्री बरिंदर गोयल ने एक प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया जिसमें केंद्र सरकार की इस बात को लेकर आलोचना की गई है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए वक्त मांगा लेकिन प्रधानमंत्री दफ्तर ने उन्हें समय नहीं दिया. मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से मिलकर राज्य में आई बाढ़ की सही तस्वीर रखना चाहते थे.
बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए 20 हजार करोड़ की मांग
साथ ही इस प्रस्ताव में मांग की गई कि केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए 20 हजार करोड़ का मुआवजा दे. हालांकि दोपहर के भोजन के बाद जब सदन की कार्रवाई जब दोबारा शुरू हुई तो कुछ देर बाद ही आम आदमी पार्टी के विधायक हाथों में तख्तियां लेकर वेल में प्रदर्शन करने लगे.
'पंजाब के लिए बाढ़ सहायता राशि महज जुमला साबित हुई'
विधायकों ने आरोप लगाया कि जो 1600 करोड़ बाढ़ सहायता राशि की घोषणा केंद्र सरकार ने की है वो भी अभी तक मिली नहीं है और ये महज एक जुमला ही साबित हुई है. AAP का आरोप है कि केंद्र सरकार पंजाब की अनदेखी कर रही है और वाजिब राहत फंड न देकर राज्य को उसके अधिकार से वंचित कर रही है. प्रदर्शन को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष को 20 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी.
बता दें कि पंजाब में इस बार आई भीषण बाढ़ ने इस सदी की सबसे बड़ी तबाही मचाई है. इस प्राकृतिक आपदा ने 2,000 से अधिक गांवों को अपनी चपेट में लिया और कई लोगों की जानें गई हैं. वहीं किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.