Sanjay Raut on Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस हादसे पर गहरा सवाल उठाया.

उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र को सरकार ने गंभीरता से लेना बंद कर दिया है. पीटीआई के अनुसार, उन्होंने 14 जून के प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये आरोप लगाए हैं.

सरकार ने राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया का निजीकरण किया- राउतसंजय राउत ने कहा, “सिविल एविएशन एक अहम सेक्टर है लेकिन सरकार उसको गंभीरता से नहीं देख रही है. सरकार ने एयरपोर्ट से लेकर राष्ट्रीय एयरलाइन तक सब कुछ बेच दिया है. एयरपोर्ट से लेकर हमारी राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया का निजीकरण कर दिया गया है. सरकार सोचती है कि उसकी जिम्मेदारी खत्म हो गई है. अगर आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं है तो दुर्घटना के बाद आप दुर्घटना स्थल पर क्या कर रहे थे? प्रधानमंत्री दुर्घटना स्थल पर क्यों गए? 300 लोग मारे गए हैं, सरकार जिम्मेदार है, नागरिक उड्डयन मंत्रालय जिम्मेदार है, डीजीसीए जिम्मेदार है, एटीसी जिम्मेदार है."

उन्होंने कहा, "मैं विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन सवाल उठ रहे हैं- क्या किसी दुश्मन देश ने प्लेन के सिस्टम पर साइबर हमला किया? जैसा कि वे हमारी सैन्य संस्थाओं को निशाना बनाने की कोशिश करते हैं." उन्होंने यह भी याद दिलाया कि बीजेपी पहले बोइंग डील के खिलाफ थी, जब प्रफुल्ल पटेल नागरिक उड्डयन मंत्री थे.

लोग अब हवाई यात्रा से डरने लगे हैं- राउतउन्होंने एयर इंडिया के विमान रखरखाव पर भी सवाल खड़े किए. “लोग अब हवाई यात्रा से डरने लगे हैं. अहमदाबाद एयरपोर्ट पर विमान का रखरखाव किसके पास है? हादसा वहीं क्यों हुआ? यह सब समझना जरूरी है. मंत्री जिस तरह मलबे पर फोटो खिंचवा रहे थे, वह शर्मनाक है.” राउत ने यह भी आरोप लगाया कि इस हादसे की जांच से कुछ खास निकलने वाला नहीं है क्योंकि सरकार पहले से ही बचाव की मुद्रा में है.

प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने अन्य मुद्दों को भी उठाया. “पुलवामा, पहलगाम, रेल हादसे – इतने बड़े हादसे हो गए, क्या किसी ने इस्तीफा दिया? मोदी जी जिम्मेदार हैं. अगर कोई जवाबदेही नहीं होगी तो ये घटनाएं दोहराई जाएंगी.” साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रंप भारत को धमका रहे हैं और महाराष्ट्र में मराठियों के साथ अन्याय का आरोप फडणवीस पर लगाया. राउत का कहना था कि अब वक्त आ गया है कि सरकार को सीधी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी वरना जनता का भरोसा पूरी तरह डगमगा जाएगा.