Shiv Sena UBT on Congress and INDIA Alliance: उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी ने शनिवार (12 अप्रैल) को कहा कि कांग्रेस को INDIA अलायंस की स्थिति के बारे में बात करनी चाहिए. साथ ही, अहमदाबाद में हुए कांग्रेस अधिवेशन में विपक्षी गठबंधन के बारे में सवालों का जवाब भी देना चाहिए था.
शिवसेना यूबीटी के नेता और ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने इस बात पर बार-बार जोर दिया कि कांग्रेस इंडिया गठबंधन के घटक दलों से बातचीत करे, क्योंकि सबके बीच में बातचीत कम हो गई है.
सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि कांग्रेस ने अहमदाबाद के पार्टी अधिवेशन में केवल अपने बारे में बात की और ‘इंडिया’ अलायंस कहीं भी चर्चा में नहीं था. संजय राउत ने लिखा, ‘‘लोकसभा चुनाव के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) की स्थिति क्या है, इस पर सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस को अपने अहमदाबाद अधिवेशन में इस पर विचार करना चाहिए था.’’
शिवसेना यूबीटी ने सवाल किया, ‘‘गठबंधन का क्या हुआ? क्या यह जमीन में दब गया या हवा में गायब हो गया? इस सवाल का जवाब देने की जिम्मेदारी कांग्रेस अध्यक्ष की है. कांग्रेस को तानाशाही से लड़ने में अगुवाई करनी होगी."
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने लिया था हिस्साजानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस ने 8-9 अप्रैल को गुजरात में अपना अधिवेशन आयोजित किया था. गुजरात में कांग्रेस दो दशकों से सत्ता से बाहर है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने अधिवेशन में हिस्सा लिया और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था.
बंगाल और बिहार में इंडिया गठबंधन की क्या स्थिति?शिवसेना यूबीटी ने बिहार, गुजरात और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस का रुख भी जानना चाहा. बिहार में राष्ट्रीय जनता दल कांग्रेस की सहयोगी है, जबकि गुजरात और पश्चिम बंगाल में ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी दल आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस भी चुनाव मैदान में होंगे.
कांग्रेस को विचार करने की जरूरत- उद्धव ठाकरे गुटशिवसेना यूबीटी ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने गुजरात में अपना अधिवेशन आयोजित किया, लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 2014 के बाद पश्चिमी राज्य में केवल एक सीट जीती. कांग्रेस को मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में कोशिश करने की जरूरत है. पार्टी को लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में सफलता मिली, लेकिन विधानसभा चुनाव में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा." उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा, ‘‘इस हार के लिए कांग्रेस के अंदरूनी मसलों के साथ-साथ बीजेपी के घोटाले भी उतने ही जिम्मेदार हैं. इस पर कांग्रेस को विचार करना होगा.’’