Shirdi Sai Temple : महाराष्ट्र के लोकप्रिय साईं बाबा मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को तैनात करने के विरोध में सदस्यों और विभिन्न संगठनों द्वारा पूर्व में घोषित बंद को वापस लेने का फैसला किया गया है. दरअसल राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील ने निवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार CISF की तैनाती के खिलाफ शिरडी निवासियों के रुख का समर्थन करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर करेगी.


जिसके बाद बंद के आह्नान को वापस लिया गया है. गौरतलब है कि कुछ साल पहले संजय काले नाम के कार्यकर्ता ने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी. जिसमें मंदिर की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती की मांग की गई थी.


श्रद्धालुओं की परेशानी का दिया था हवाला 


स्थानीय लोगों के अनुसार, उच्च न्यायालय को सौंपी गई रिपोर्ट ने इस दृष्टिकोण का समर्थन किया कि मंदिर में सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता है, ग्रामीणों का कहना है कि इससे श्रद्धालुओं को परेशानी होगी. साथ ही कामकाज प्रभावित होगा. इसलिए ग्रामीणों ने मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी।


1 मई से अनिश्चितकालीन बंद का किया था आह्नान


दरअसल, शिंदे सरकार ने साईं बाबा मंदिर की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ की तैनाती की है. जिससे मंदिर प्रशासन में रोष है. मंदिर प्रशासन का कहना है कि अगर मंदिर की सुरक्षा सीआईएसएफ के हाथ में आएगी तो इससे श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ेगी. शिरडी साईं संस्थान के एक पूर्व ट्रस्टी ने कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में एक ग्राम सभा के बाद, आम सहमति से यह निर्णय लिया गया कि गाँव 1 मई से अनिश्चितकालीन बंद का आयोजन करेगा, लेकिन मंदिर का संचालन चालू रहेगा. “हमने मंदिर परिसर के अंदर और बाहर सभी दुकानों को बंद करने का फैसला किया था. बताते चलें कि अब तक मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी महाराष्ट्र पुलिस  की रही है. 


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